ETV Bharat / city

गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही बरतने पर उपभोक्ता आयोग ने अरोड़ा हॉस्पिटल पर लगाया 25.50 लाख रुपए जुर्माना - Pushpaniji Hospital News

राज्य उपभोक्ता आयोग ने गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही को लेकर भरतपुर के अरोड़ा हॉस्पिटल के निदेशक और डॉक्टर्स पर 25 लाख 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.

राजस्थान उपभोक्ता आयोग न्यूज, गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही, अरोड़ा हॉस्पिटल न्यूज, Rajasthan Consumer Commission News, Negligence in treatment of pregnant woman, Arora Hospital News
author img

By

Published : Aug 21, 2019, 11:03 PM IST

जयपुर. गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही को लेकर बुधवार को राज्य उपभोक्ता आयोग ने भरतपुर के अरोड़ा हॉस्पिटल के निदेशक डॉ भूषण अरोड़ा सहित डॉ जीसी कपूर और डॉ मीनाक्षी गुप्ता पर 25 लाख 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने यह आदेश अवधेश अवस्थी और अन्य के परिवाद पर दिए.

राजस्थान उपभोक्ता आयोग न्यूज, गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही, अरोड़ा हॉस्पिटल न्यूज, Rajasthan Consumer Commission News, Negligence in treatment of pregnant woman, Arora Hospital News
गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही को लेकर अरोड़ा हॉस्पिटल पर लगा जुर्माना

जानकारी के अनुसार परिवाद में कहा गया कि परिवादी की गर्भवती पत्नी ने डॉ. जीसी कपूर को दिखाया. डॉक्टर ने उसे अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा और वह 24 फरवरी 2012 को भर्ती हो गई. वहीं सोनोग्राफी करवाने पर वह सामान्य पाई गई, लेकिन अगले दिन ही परिवादी के परिजनों को ब्लड का इंतजाम करने को कहा गया. वहीं तबीयत खराब होने पर उसे आगरा के पुष्पांजलि अस्पताल में रेफर किया गया. इसके बाद भी तबीयत नहीं सुधरने पर उसे सोनी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

पढ़ें- कोटपा कानून का उल्लंघन करने वालों के फूड लाइसेंस रद्द करने के हाईकोर्ट ने दिए आदेश

परिवादी में कहा गया कि पुष्पांजलि अस्पताल में पता चला कि 25 फरवरी को अरोड़ा हॉस्पिटल में हुए सिजेरियन में लापरवाही हुई है, जिससे ब्लडिंग जारी रही. सही तरीके से इलाज नहीं होने के कारण उसका की यूटरस को निकालना पड़ा और इससे वह हमेशा के लिए गर्भवती होने से वंचित हो गई. मामले को उपभोक्ता आयोग में चुनौती देने पर कहा कि हॉस्पिटल ने बिना कार्य कुशलता और लापरवाही से उसकी पत्नी का इलाज किया गया, जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने अस्पताल पर हर्जाना लगाया है.

जयपुर. गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही को लेकर बुधवार को राज्य उपभोक्ता आयोग ने भरतपुर के अरोड़ा हॉस्पिटल के निदेशक डॉ भूषण अरोड़ा सहित डॉ जीसी कपूर और डॉ मीनाक्षी गुप्ता पर 25 लाख 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने यह आदेश अवधेश अवस्थी और अन्य के परिवाद पर दिए.

राजस्थान उपभोक्ता आयोग न्यूज, गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही, अरोड़ा हॉस्पिटल न्यूज, Rajasthan Consumer Commission News, Negligence in treatment of pregnant woman, Arora Hospital News
गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही को लेकर अरोड़ा हॉस्पिटल पर लगा जुर्माना

जानकारी के अनुसार परिवाद में कहा गया कि परिवादी की गर्भवती पत्नी ने डॉ. जीसी कपूर को दिखाया. डॉक्टर ने उसे अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा और वह 24 फरवरी 2012 को भर्ती हो गई. वहीं सोनोग्राफी करवाने पर वह सामान्य पाई गई, लेकिन अगले दिन ही परिवादी के परिजनों को ब्लड का इंतजाम करने को कहा गया. वहीं तबीयत खराब होने पर उसे आगरा के पुष्पांजलि अस्पताल में रेफर किया गया. इसके बाद भी तबीयत नहीं सुधरने पर उसे सोनी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

पढ़ें- कोटपा कानून का उल्लंघन करने वालों के फूड लाइसेंस रद्द करने के हाईकोर्ट ने दिए आदेश

परिवादी में कहा गया कि पुष्पांजलि अस्पताल में पता चला कि 25 फरवरी को अरोड़ा हॉस्पिटल में हुए सिजेरियन में लापरवाही हुई है, जिससे ब्लडिंग जारी रही. सही तरीके से इलाज नहीं होने के कारण उसका की यूटरस को निकालना पड़ा और इससे वह हमेशा के लिए गर्भवती होने से वंचित हो गई. मामले को उपभोक्ता आयोग में चुनौती देने पर कहा कि हॉस्पिटल ने बिना कार्य कुशलता और लापरवाही से उसकी पत्नी का इलाज किया गया, जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने अस्पताल पर हर्जाना लगाया है.

Intro:जयपुर। राज्य उपभोक्ता आयोग ने गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही को लेकर भरतपुर के अरोड़ा हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. भूषण अरोड़ा सहित डॉ. जीसी कपूर व डॉ. मीनाक्षी गुप्ता पर 25.50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। आयोग ने यह आदेश अवधेश अवस्थी व अन्य के परिवाद पर दिए।Body:परिवाद में कहा कि परिवादी की गर्भवती पत्नी ने डॉ. जीसी कपूर को दिखाया। डॉक्टर ने उसे अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा और वह 24 फरवरी 2012 को भर्ती हो गई। सोनोग्राफी करवाने पर वह सामान्य पाई गई, लेकिन अगले दिन ही परिवादी के परिजनों को ब्लड का इंतेजाम करने को कहा गया। वहीं तबीयत खराब होने पर उसे आगरा के पुष्पांजलि अस्पताल में रैफर किया गया। इसके बाद भी तबीयत नहीं सुधरने पर उसे सोनी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर पता चला कि 25 फरवरी को अरोड़ा हॉस्पिटल में हुए सिजेरियन में लापरवाही हुई है जिससे ब्लडिंग जारी रही। सही तरीके से इलाज नहीं होने के कारण उसका की यूटरस को निकालना पड़ा और इससे वह हमेशा के लिए गर्भवती होने से वंचित हो गई। इसे उपभोक्ता आयोग में चुनौती देने पर कहा कि हॉस्पिटल ने बिना कार्य कुशलता और लापरवाही से उसकी पत्नी का इलाज किया। जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने अस्पताल पर हर्जाना लगाया है।Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.