जयपुर. आजादी के बाद अपने देश के लिए शहीद होने वाले जवानों के परिजनों तक पहुंचने का काम नेशनल कैडेट कोर (National Cadet Corps) को दिया गया है. देशभर में नेशनल कैडेट कोर गुमनाम हुए शहीद परिवारों तक पहुंचेगा और उनका सम्मान करेगा. नेशनल वॉर मेमोरियल पर 26 हजार 466 शहीदों के नाम अंकित किए गए हैं. इनमें से 1726 शहीद राजस्थान के हैं. एनसीसी निदेशालय राजस्थान इन 1726 शहीद परिवारों तक पहुंचेगा और उनका सम्मान करेगा. यह जानकारी मंगलवार को एनसीसी निदेशालय राजस्थान की ओर से दी गई (NCC will honor Martyr family of Rajasthan).
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 'शहीदों को शत शत नमन' नाम से कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम की शुरुआत 26 जनवरी से होगी. नेशनल वॉर मेमोरियल पर देश के लिए शहीद होने वाले 26,466 शहीदों के नाम अंकित किए गए हैं. एक तरह से इन शहीदों को लोग भूल चुके हैं. ऐसे गुमनाम हुए देश के शहीदों के परिजनों को ढूंढने की जिम्मेदारी अब एनसीसी के राज्य निदेशालय के कैडेटों, स्टाफ एवं अधिकारियों को दी गईं है. नेशनल वॉर मेमोरियल पर अंकित 26,466 शहीदों में 1726 शहीद राजस्थान के भी हैं. राजस्थान एनसीसी निदेशालय इन 1726 सहित परिवारों तक पहुंचेगा और उनका सम्मान करेगा.
राजस्थान के 716 शहीदों के परिवारों से हुआ संपर्क
एनसीसी निदेशालय राजस्थान के उप महानिदेशक एल के जैन ने बताया कि अब तक 716 शहीदों के परिवारों से संपर्क स्थापित हो चुका है. उनके स्थानों की पुष्टि भी की जा चुकी है. यह सभी परिवार जैसलमेर से अलवर, श्रीगंगानगर, सवाई माधोपुर, बाड़मेर और डूंगरपुर के हैं. इन 1726 शहीदों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. एनसीसी कैडेट्स और कर्मचारी प्रत्येक के पास जाकर उनका सम्मान करेंगे और यह आगामी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेंगी.
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उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की ओर से इस कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है और राजस्थान निदेशालय भी इससे जुड़ा है जो गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि देश के लिए अपना बलिदान करने वाले इन 1726 शहीदों के प्रति देश का भी कुछ कर्तव्य है और इसी कर्तव्य को पूरा करने के लिए एनसीसी के कैडेट उनके परिवारों तक पहुंचकर उनका सम्मान करेंगे.
5000 शहीदों के परिजनों को देंगे आभार पट्टिका
एल के जैन ने कहा कि बुधवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री की ओर से ऐसे करीब 5000 शहीदों के परिजनों को आभार पट्टिका भेंट की जाएगी. 15 अगस्त तक इन शहीदों के परिवारों को ढूंढ़ने का काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन परिवारों तक पहुंचने में परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. कई शहीदों के परिवारों का पता बदल चुका है. कुछ अपनी जगह छोड़कर दूसरी जगह जा चुके हैं. फिर भी एक लीड से दूसरी लीड तक जाकर इन शहीद परिवारों को ढूंढने का काम एनसीसी की ओर से किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि शहीदों को शत-शत नमन कार्यक्रम के जरिये शहीदों के परिवार को यह एहसास दिलाया जाएगा कि उनकी ओर से जो बलिदान दिया गया है, उसे देश आज तक नहीं भुला है. प्रधानमंत्री की ओर से शुरू किए गए 'शहीदों को शत शत नमन' कार्यक्रम पर शहीदों के परिजनों ने खुशी भी जताई है. उनका कहना है कि लंबे समय बाद ही सही देश ने उनको याद जरूर किया है.