जयपुर. ऊर्जा विभाग में शुक्रवार को दो बड़े फेरबदल हुए. जयपुर डिस्कॉम की जिम्मेदारी पूर्व टेक्नोक्रेट रहे नवीन अरोड़ा को दी गई, तो वहीं राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम सीएमडी पद पर आर के शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई. शुक्रवार दोपहर ही नवीन अरोड़ा ने जयपुर डिस्कॉम एमडी पद की नई जिम्मेदारी संभाल ली. इस दौरान मीडिया से बातचीत में उपभोक्ता संतुष्टिकरण को अरोड़ा ने अपनी पहली प्राथमिकता बताया है.
नवीन अरोड़ा का डिस्कॉम से लंबा नाता रहा है. अरोड़ा ने करीब 41 साल तक जयपुर डिस्कॉम में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं भी दी है. साल 1978 में कनिष्ठ अभियंता पद पर उन्होंने ज्वाइन किया और फिर विभिन्न पदों पर रहते हुए डायरेक्टर टेक्निकल तक पहुंचे. अरोड़ा खुद बताते हैं कि डिस्कॉम में लगभग सभी शाखाओं में उन्होंने काम किया है और जयपुर डिस्कॉम के तहत आने वाले 12 जिलों की भौगोलिक परिस्थितियों और वहां के उपभोक्ताओं की अपेक्षा और आवश्यकताओं से भी वे अच्छी तरह परिचित है, क्योंकि अपने कार्यकाल के दौरान उनका इन तमाम क्षेत्रों से जुड़ाव रहा है.
नवीन अरोड़ा के अनुसार पावर सेक्टर से उनका विशेष लगाव रहा है, क्योंकि वो उनका पसंदीदा सब्जेक्ट रहा है. इसलिए जो जिम्मेदारी उन्हें मिली है, वह उसे चुनौती नहीं मानते बल्कि उपभोक्ताओं की सेवा बताते हैं.
विद्युत हादसों को शून्य पर लाना और विद्युत क्षेत्र के आंकड़ों में कमी लाने पर रहेगा फोकस
मीडिया से बातचीत के दौरान नवनियुक्त जयपुर डिस्कॉम एमडी नवीन अरोड़ा ने बताया कि प्रदेश में जिस तरह विद्युत हादसे सामने आ रहे हैं, तो वे चाहेंगे कि इस पर अंकुश लगे और इसके लिए वे तमाम प्रयास करेंगे, जिसकी बेहद जरूरत है. अरोड़ा के अनुसार इस प्रकार के हादसों को शून्य तक ले जाना उनकी प्राथमिकता रहेगी.
साथ ही विद्युत छीजत और चोरी रोकने के लिए भी वे विशेष कार्य योजना के तहत काम करेंगे. अरोड़ा का कहना है कि यदि हम बिजली उपभोक्ताओं को अपनी सेवाओं से संतुष्ट रखेंगे तो ना केवल विद्युत छीजत और चोरी के आंकड़ों में कमी आएगी, बल्कि रेवेन्यू वसूली में भी खुद उपभोक्ता ही डिस्कॉम की मदद करेंगे.
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बता दें कि नवीन अरोड़ा इससे पहले जयपुर डिस्कॉम में ही डायरेक्टर टेक्निकल पद से रिटायर हुए थे, अब उनकी नियुक्ति जयपुर डिस्कॉम प्रबंध निदेशक के रूप में हुई है, जो जॉइनिंग से 1 साल तक की अवधि के लिए रहेगी. वहीं से पहले जयपुर डिस्कॉम एमडी की कमान एके गुप्ता के पास थी बताया जा रहा है और गुप्ता ने भी अपने कार्यकाल के दौरान जयपुर डिस्कॉम में बिजली के छीजत के आंकड़ों में बेहद कमी लाई थी. हालांकि बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से यह परिवर्तन किया गया है.