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बिजली बचाकर ही बिजली संकट का सामना किया जा सकता है: डॉ. अनन्त शर्मा

कंज्यूमर कॉन्फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनन्त शर्मा का कहना है कि प्रत्येक उपभोक्ता तक निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना केन्द्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. हालांकि इसके लिए समय रहते कदम भी उठाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि बिजली को बचाकर ही इस संकट से सामना किया जा सकता (Save electricity to face power crisis) है.

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Published : Apr 30, 2022, 10:01 PM IST

जयपुर. शनिवार को देश के उपभोक्ता संगठनों की ओर से राष्ट्रीय बिजली संकट से मुकाबले के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान का आगाज किया (Nationwide campaign for saving electricity by consumer organizations) गया. अभियान की शुरुआत जयपुर में कंज्यूमर कॉन्फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनन्त शर्मा ने बिजली बचाने के विभिन्न पोस्टरों का विमोचन करते हुए की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपभोक्ता तक निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना केन्द्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है और इसके लिए समय रहते प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिएं.

उन्होंने कहा कि संकट के समय हमारी सामूहिक भागीदारी हो, तो इसका प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकते हैं. उन्होंने देश के उपभोक्ता संगठनों का आह्वान किया कि वे उपभोक्ताओं को बिजली का अपव्यय रोकने के लिए व्यापक तौर पर जागरूकता अभियान चलाएं. ऐसे वक्त में जब बिजली की कमी एक बड़ी चुनौती है और इससे जन जीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है, बिजली को बचाकर ही इस संकट से सामना किया जा सकता है.

पढ़ें: बिजली संकट पर CM गहलोत की अपील- बिजली का सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें

लांचिंग समारोह की अध्यक्षता सेंट्रल काउंसिल ऑफ वीसीए एंड पीसीए प्रबंध मण्डल के सदस्य डॉ. रामबहादुर कुलश्रेष्ठ ने की. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की राज्य उपभोक्ता हैल्पलाइन का प्रबंधक रहते हुए उन्होंने उपभोक्ता की समस्याओं को बहुत नजदीक से अनुभव किया है. देश में उपभोक्ता जिन समस्याओं से सबसे अधिक प्रभावित है, उनमें बिजली व्यवस्था एक है. किसी भी विकासशील देश के लिए यह पहली चुनौती है कि वो अपने नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में और उचित कीमतों पर बिजली की आपूर्ति करे. चूंकि भारत में आज भी बिजली का वितरण और प्रबंधन अधिकांश जगहों पर सरकारी हाथों में है, ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है.

पढ़ें: Reality Check : बिजली बचाने के हुक्मरानों के आदेश हवा, सरकारी दफ्तरों में छुट्टी के दिन भी जगमगाते रहे 'दीप'

प्रारंभ में परिचर्चा का संयोजन करते हुए अखिल राजस्थान उपभोक्ता संगठन महासंघ की सचिव आशा सक्सेना ने देश के सामने उपस्थित गंभीर बिजली संकट विशेषकर राजस्थान सहित बारह राज्यों के सामने आ रही समस्या पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह अनेक ट्रेनें रद्द हुई हैं, बल्कि कई अस्पतालों में जरूरी ऑपरेशन भी टालने पड़े हैं. केन्स के निदेशक विधि नौरत सिंह राठौड़ ने कानूनी पहलूओं की जानकारी दी. कंन्यूमर्स वर्ल्ड के कार्यकारी संपादक दुर्गेश माथुर, सीसीआई के कैलाश कुमावत एवं केन्स के विमल कुमार बिलाला सहित विभिन्न वक्ताओं ने समारोह को संबोधित किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में युवाओं ने भी बिजली बचाने के लिए अपने संदेश दिए. अभियान के तहत अब देशभर में उपभोक्ता संगठन अपने क्षेत्रों में बिजली बचाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे.

जयपुर. शनिवार को देश के उपभोक्ता संगठनों की ओर से राष्ट्रीय बिजली संकट से मुकाबले के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान का आगाज किया (Nationwide campaign for saving electricity by consumer organizations) गया. अभियान की शुरुआत जयपुर में कंज्यूमर कॉन्फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनन्त शर्मा ने बिजली बचाने के विभिन्न पोस्टरों का विमोचन करते हुए की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपभोक्ता तक निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना केन्द्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है और इसके लिए समय रहते प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिएं.

उन्होंने कहा कि संकट के समय हमारी सामूहिक भागीदारी हो, तो इसका प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकते हैं. उन्होंने देश के उपभोक्ता संगठनों का आह्वान किया कि वे उपभोक्ताओं को बिजली का अपव्यय रोकने के लिए व्यापक तौर पर जागरूकता अभियान चलाएं. ऐसे वक्त में जब बिजली की कमी एक बड़ी चुनौती है और इससे जन जीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है, बिजली को बचाकर ही इस संकट से सामना किया जा सकता है.

पढ़ें: बिजली संकट पर CM गहलोत की अपील- बिजली का सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें

लांचिंग समारोह की अध्यक्षता सेंट्रल काउंसिल ऑफ वीसीए एंड पीसीए प्रबंध मण्डल के सदस्य डॉ. रामबहादुर कुलश्रेष्ठ ने की. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की राज्य उपभोक्ता हैल्पलाइन का प्रबंधक रहते हुए उन्होंने उपभोक्ता की समस्याओं को बहुत नजदीक से अनुभव किया है. देश में उपभोक्ता जिन समस्याओं से सबसे अधिक प्रभावित है, उनमें बिजली व्यवस्था एक है. किसी भी विकासशील देश के लिए यह पहली चुनौती है कि वो अपने नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में और उचित कीमतों पर बिजली की आपूर्ति करे. चूंकि भारत में आज भी बिजली का वितरण और प्रबंधन अधिकांश जगहों पर सरकारी हाथों में है, ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है.

पढ़ें: Reality Check : बिजली बचाने के हुक्मरानों के आदेश हवा, सरकारी दफ्तरों में छुट्टी के दिन भी जगमगाते रहे 'दीप'

प्रारंभ में परिचर्चा का संयोजन करते हुए अखिल राजस्थान उपभोक्ता संगठन महासंघ की सचिव आशा सक्सेना ने देश के सामने उपस्थित गंभीर बिजली संकट विशेषकर राजस्थान सहित बारह राज्यों के सामने आ रही समस्या पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह अनेक ट्रेनें रद्द हुई हैं, बल्कि कई अस्पतालों में जरूरी ऑपरेशन भी टालने पड़े हैं. केन्स के निदेशक विधि नौरत सिंह राठौड़ ने कानूनी पहलूओं की जानकारी दी. कंन्यूमर्स वर्ल्ड के कार्यकारी संपादक दुर्गेश माथुर, सीसीआई के कैलाश कुमावत एवं केन्स के विमल कुमार बिलाला सहित विभिन्न वक्ताओं ने समारोह को संबोधित किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में युवाओं ने भी बिजली बचाने के लिए अपने संदेश दिए. अभियान के तहत अब देशभर में उपभोक्ता संगठन अपने क्षेत्रों में बिजली बचाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे.

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