जयपुर. राजधानी के आदर्शनगर सरकारी स्कूल में लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग सुरभि और प्रदीप ट्रेनिग दे रहे ये है. उन्होंने आए दिन लड़कियों के साथ हो रही छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनों को देखते हुए "NOW I AM SAFE" के नाम से दो साल पहले एक अभियान शुरू किया था, जो आज भी जारी है. इस अभियान के जरिये ये दोनों उन लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते है, जो पैसे खर्च करके कोचिंग नहीं ले सकते.
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ट्रेनर प्रदीप और सुरभि बताते है उन्होंने जब नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता और जब मार्शल आर्ट की कोचिंग शुरू की जब लगातार लड़कियों के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही थी. उस वक्त उनकी कोचिंग में आर्थिक रूप से सक्षम लोग अपनी बेटियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए लेकर आ रहे थे, तो उनके मन ये ख्याल आया कि जयपुर में ऐसी कई लड़कियों है जो आर्थिक रूप से कमजोर है. और वो प्राइवेट कोचिंग नहीं ले सकती, इसलिए उन्होंने तय किया की वो सरकारी स्कूलों और स्लम्स में रहने वाली लड़कियों को निशुक्ल आत्म रक्षा के गुर सिखाएंगे, जिससे वो अपनी आत्मरक्षा कर सके.
ट्रेनर सुरभि और प्रदीप बताते है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने और स्लम एरिया में रहने वाली लड़कियों को 10 से 15 दिन तक का बेसिक आत्म रक्षा के गुर सिखाते है. जिससे वो मनचलों के द्वार होने वाली घटना से बच सके. उनका ये अभियान दो साल से लगातार जारी है और इसके तहत अब तक करीब 22 से 25 हजार लड़कियों को वो सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग दे चुके है. जिससे वो ना केवल असामाजिक तत्वों से अपना बचाव कर सके, बल्कि जरूत पडने पर दूसरों भी मदद कर सकती है.
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प्रदीप और सुरभि ने पहले अपना ये अभियान जयपुर की सरकारी स्कूलों तक के लिए शुरू किया था, लेकिन अब इनके इस अभियान को लोग पसंद कर रहे है. यही वजह है कि इनके पास जयपुर के अलावा अन्य जिलों की सरकारी स्कूलों से भी ऑफर आ रहे है. प्रदीप ने 2013 में साउथ एशियन गोल्ड मेडल अपने नाम किया था, जबकि सुरभि 2018 में मार्शल आर्ट में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने दर्ज किया है. दोनों अपने हुनर को अपना करियर तो बनाया साथ ही इससे समाज को भी एक दिशा दे रहे है. यूथ डे पर हम इन दोनों युवाओं को सलाम करते है.