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यात्रीगण कृपया ध्यान दें, यात्रियों की सुविधा के लिए मैसूर-अजमेर-मैसूर Express में लगेंगे LHB कोच

जयपुर में रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए मैसूर-अजमेर-मैसूर एक्सप्रेस का पहला एलएचबी कोच से संचालित करने का फैसला किया है. वहीं इस गाड़ी में कुल 21 डिब्बे होंगे.

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Published : Nov 6, 2019, 12:01 PM IST

जयपुर. रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए मैसूर-अजमेर-मैसूर एक्सप्रेस का पहला रैक एलएचबी (लिंके होफमान बुस्च) कोच से संचालित करने का निर्णय किया है. इस ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा होगी.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा के अनुसार गाड़ी संख्या 16210/ 16209 मैसूर-अजमेर-मैसूर एक्सप्रेस में मैसूर से 7 नवंबर से और अजमेर से 10 नवंबर से एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं. इस गाड़ी में एक फर्स्ट मय सेकंड एसी, 2 सेकंड एसी, 2 थर्ड एसी, 11 द्वितीय शयनयान, 2 साधारण श्रेणी, एक पेंट्रीकार और दो पावरकार सहित कुल 21 डिब्बे होंगे.

यात्रियों की सुविधा के लिए संचालित होगी मैसूर-अजमेर-मैसूर एक्सप्रेस

इस रेल सेवा के दौरान रैक संचालित होते हैं, इस रेलसेवा का पहला रैक अब एलएचबी रैक से संचालित होगा. थर्ड एसी श्रेणी के प्रत्येक एलएचबी कोच में 72 बर्थ होती है, जिससे यात्रियों को अधिक बर्थ उपलब्ध होगी. द्वितीय श्रेणी के प्रत्येक एलएचबी कोच में 72 बर्थ होती है, जिससे यात्रियों को अधिक बर्थ उपलब्ध होगी. इसी तरह द्वितीय शयनयान श्रेणी के प्रत्येक एलएचबी कोच में 80 बर्थ होती है. इससे यात्रियों को अधिक बर्थ मिलेगी.

पढ़ें- रेलवे की सौगात : कोटा- अजमेर स्पेशल रेल सेवा का संचालन

एलएचबी कोच सुरक्षा की दृष्टि से उत्कृष्ट होते हैं. यह एलएचबी कोच भार में हल्के होने के कारण ब्रेक लगाने पर एक दूसरे के ऊपर डिब्बे चढ़ने के बजाय अलग-अलग हो जाते हैं. इससे दुर्घटना होने की संभावना कम रहती है. यात्रियों को भी बेहतर सुविधा मिलती है और यात्रा भी सुरक्षित रहती है.

जयपुर. रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए मैसूर-अजमेर-मैसूर एक्सप्रेस का पहला रैक एलएचबी (लिंके होफमान बुस्च) कोच से संचालित करने का निर्णय किया है. इस ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा होगी.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा के अनुसार गाड़ी संख्या 16210/ 16209 मैसूर-अजमेर-मैसूर एक्सप्रेस में मैसूर से 7 नवंबर से और अजमेर से 10 नवंबर से एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं. इस गाड़ी में एक फर्स्ट मय सेकंड एसी, 2 सेकंड एसी, 2 थर्ड एसी, 11 द्वितीय शयनयान, 2 साधारण श्रेणी, एक पेंट्रीकार और दो पावरकार सहित कुल 21 डिब्बे होंगे.

यात्रियों की सुविधा के लिए संचालित होगी मैसूर-अजमेर-मैसूर एक्सप्रेस

इस रेल सेवा के दौरान रैक संचालित होते हैं, इस रेलसेवा का पहला रैक अब एलएचबी रैक से संचालित होगा. थर्ड एसी श्रेणी के प्रत्येक एलएचबी कोच में 72 बर्थ होती है, जिससे यात्रियों को अधिक बर्थ उपलब्ध होगी. द्वितीय श्रेणी के प्रत्येक एलएचबी कोच में 72 बर्थ होती है, जिससे यात्रियों को अधिक बर्थ उपलब्ध होगी. इसी तरह द्वितीय शयनयान श्रेणी के प्रत्येक एलएचबी कोच में 80 बर्थ होती है. इससे यात्रियों को अधिक बर्थ मिलेगी.

पढ़ें- रेलवे की सौगात : कोटा- अजमेर स्पेशल रेल सेवा का संचालन

एलएचबी कोच सुरक्षा की दृष्टि से उत्कृष्ट होते हैं. यह एलएचबी कोच भार में हल्के होने के कारण ब्रेक लगाने पर एक दूसरे के ऊपर डिब्बे चढ़ने के बजाय अलग-अलग हो जाते हैं. इससे दुर्घटना होने की संभावना कम रहती है. यात्रियों को भी बेहतर सुविधा मिलती है और यात्रा भी सुरक्षित रहती है.

Intro:जयपुर। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए मैसूर- अजमेर -मैसूर एक्सप्रेस का पहला रैक एलएचबी (लिंके होफमान बुस्च) कोच से संचालित करने का निर्णय किया है। इससे ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा होगी।


Body:उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा के अनुसार गाड़ी संख्या 16210/ 16209 मैसूर -अजमेर- मैसूर एक्सप्रेस में मैसूर से 7 नवंबर से एवं अजमेर से 10 नवंबर से एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं इस गाड़ी में एक फर्स्ट मय सेकंड एसी, 2 सेकंड एसी, 2 थर्ड एसी, 11 द्वितीय शयनयान, 2 साधारण श्रेणी, एक पेंट्रीकार और दो पावरकार सहित कुल 21 डिब्बे होंगे।
इस रेल सेवा के दौरल रैक संचालित होते है, इस रेलसेवा का पहला रैक अब एलएचबी रैक से संचालित होगा। थर्ड एसी श्रेणी के प्रत्येक एलएचबी कोच में 72 बर्थ होती है जिससे यात्रियों को अधिक बर्थ उपलब्ध होगी। दितीय श्रेणी के प्रत्येक एलएचबी कोच में 72 बर्थ होती है जिससे यात्रियों को अधिक बर्थ उपलब्ध होगी। इसी तरह द्वितीय शयनयान श्रेणी के प्रत्येक एलएचबी कोच में 80 बर्थ होती है जिससे यात्रियों को अधिक बर्थ मिलेगी।
एलएचबी कोच सुरक्षा की दृष्टि से उत्कृष्ट होते हैं। यह एलएचबी कोच भार में हल्के होने के कारण ब्रेक लगाने पर एक दूसरे के ऊपर डिब्बे चढ़ने के बजाय अलग अलग हो जाते हैं। इससे दुर्घटना होने की संभावना कम रहती है। यात्रियों को भी बेहतर सुविधा मिलती है और यात्रा भी सुरक्षित रहती है।


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