जयपुर. राजधानी के प्रतापनगर थाना इलाके में मंगलवार देर शाम हुई 30 वर्षीय श्वेता तिवारी और 21 महीने के मासूम श्रीयम की हत्या की वारदात जयपुर पुलिस के लिए एक बड़ी चैलेंज बन गई है. मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए पुलिस कमिश्नरेट के 5 आईपीएस अधिकारियों सहित 100 पुलिसकर्मियों की टीम जुटी हुई है.
हत्या की इस वारदात को घटित हुए 3 दिन का समय बीत चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी जयपुर पुलिस के हाथ खाली हैं. वहीं, वारदात को अंजाम देने वाले हत्यारे ने बुधवार देर शाम के बाद से मृतका का मोबाइल फोन भी ऑपरेट नहीं किया है.
जयपुर पुलिस के लिए एक अबूझ पहेली बन चुकी मर्डर मिस्ट्री को सुलझाना बहुत ही कठिन हो गया है. पूरे प्रकरण में पुलिस अब तक हत्यारे का सुराग पता नहीं कर पाई है. हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारा श्वेता का मोबाइल अपने साथ लेकर गया है और मंगलवार देर शाम फिरौती का मैसेज करने के बाद बुधवार को दोपहर में भी हत्यारे ने श्वेता के ही मोबाइल से रोहित के मोबाइल पर मैसेज किया.
मोबाइल की लोकेशन के आधार पर पुलिस की करीब 12 टीमों ने जगतपुरा और बजाज नगर थाना इलाके में अनेक स्थानों पर दबिश की कार्रवाई को भी अंजाम दिया. इसके बावजूद भी हत्यारा पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर है.
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पुलिस करती रही मैसेज का इंतजार लेकिन हत्यारे निकला चालाक
हत्यारे ने श्वेता के मोबाइल से मंगलवार और बुधवार को रोहित के मोबाइल पर मैसेज किए. मोबाइल के लोकेशन के आधार पर ही पुलिस ने हत्यारे की तलाश में दबिश की कार्रवाई को अंजाम भी दिया. जानकारी के अनुसार हत्यारा महज 40 से 50 सेकंड के लिए ही मोबाइल फोन चालू करता है और रोहित को मैसेज करने के बाद पुनः मोबाइल को स्विच ऑफ कर देता है. जब तक पुलिस मोबाइल की लोकेशन को ट्रेस करती है, तब तक हत्यारा मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर देता है.
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वहीं, गुरुवार को भी पुलिस सुबह से ही हत्यारे के मैसेज का इंतजार करती रही. लेकिन गुरुवार को हत्यारे ने श्वेता के मोबाइल को ऑपरेट ही नहीं किया और ना ही किसी तरह का कोई मैसेज रोहित के मोबाइल पर भेजा.