जयपुर. प्रदेश के 49 निकायों में होने वाले चुनाव में भाजपा ने इस बार 162 वार्डों में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे. विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल का दावा करने वाली भाजपा यदि निकाय जैसे छोटे चुनाव में 162 वार्डों में अपने सिंबल पर प्रत्याशी ना उतारे तो उस पर सवाल उठना लाजमी है. लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इस मामले में भी अपनी सफाई पेश कर रहे हैं.
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पूनिया के अनुसार इन वार्डों में प्रत्याशी नहीं उतारा जाना पार्टी की कमजोरी नहीं बल्कि रणनीति का एक हिस्सा है. वही पूनिया भाजपा के पास अल्पसंख्यक बिरादरी में बड़े सियासी कद और कैलिबर का उम्मीदवार नहीं होने की बात भी सहर्ष स्वीकार करते हैं.
प्रत्याशी नहीं उतारने को भाजपा की कमजोरी ना समझी जाए : पूनिया
सतीश पूनिया के अनुसार राजस्थान में भाजपा साल 2000 से पहले तक सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा था. लेकिन उसके बाद 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी. उनके अनुसार क्षेत्र की स्थिति परिस्थितियों के अनुसार प्रत्याशी उतारा जाता है. उनके अनुसार निकाय चुनाव में भाजपा स्थानीय समीकरण के अनुसार और स्थानीय नेताओं के सुझाव पर ही 162 वार्डों में प्रत्याशी नहीं उतारे. लेकिन इसे भाजपा की कमजोरी कतई ना समझा जाए.