जयपुर. इस बार कोविड-19 की दूसरी लहर में काफी बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हुए थे. जिसके बाद बच्चों में पोस्ट कोविड के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. इसमें मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम बीमारी मुख्य है.
जेके लोन अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गुप्ता के मुताबिक सीधी भाषा में बात की जाए तो कोविड-19 संक्रमण से ठीक होने वाले बच्चों में एंटीबॉडी डेवलप होने लगती है, लेकिन कुछ मामलों में कुछ बच्चों के शरीर में जरूरत से ज्यादा एंटीबॉडी तैयार होने लग जाती है.
एंटीबॉडी ही बनती है मौत का कारण
यह एंटीबॉडी शरीर के अन्य अंगों को नष्ट करना शुरू कर देती है. जिसमें हार्ट, लीवर, किडनी जैसे अंग शामिल हैं. डॉ गुप्ता का कहना है कि बच्चों के शरीर में इंफ्लामेट्री सिस्टम बिगड़ जाता है, जिसके चलते जरूरत से ज्यादा एंटीबॉडी बच्चों के शरीर में तैयार होना शुरू हो जाती है. कुछ मामलों में बच्चों की मौत भी हुईं हैं.
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क्या हैं लक्षण
ऐसे छोटे बच्चे जो हाल ही में कोविड-19 संक्रमण से रिकवर हुए हैं, उनमें मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम के मामले सबसे ज्यादा देखे जा रहे हैं. डॉ. अशोक गुप्ता का कहना है कि बच्चों में 5 से 7 दिन तक लगातार बुखार बुखार होना या आंखें लाल होना या फिर शरीर पर दाने दिखाई देना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं. हालांकि चिकित्सकों ने दावा किया है कि यदि सही समय पर बच्चों का इलाज किया जाए तो इस बीमारी से बच्चों को बचाया जा सकता है. बच्चों में लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें.
जेके लोन अस्पताल में अब तक 71 मामले
जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद शुक्ला का कहना है कि अस्पताल में बीते 6 महीने में मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम के मामले लगातार देखने को मिल रहे हैं. 1 जनवरी से अब तक अस्पताल में 71 मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम के केस आए हैं. 44 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है जबकि इस बीमारी से 7 बच्चों की मौत भी हुई है. 20 बच्चे अब भी जयपुर के जेके लोन अस्पताल में एडमिट हैं.