जयपुर. राज्य सरकार की योजनाओं और विभागीय निर्देशों की पालना में मॉनिटरिंग के लिए अब सहकारिता विभाग में प्रभावी मॉनिटरिंग तंत्र विकसित किया जाएगा. सहकारिता रजिस्टार मुक्तानंद अग्रवाल ने विभाग की समीक्षा बैठक में इसके निर्देश दिए.
इससे पहले मुक्तानंद अग्रवाल सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से शिष्टाचार भेंट करके आए थे, तब आंजना ने साफ कर दिया था कि पूर्व में हुए घोटालों और भ्रष्टाचार को लेकर जांच के निर्देश दिए गए थे, वो अब तक नहीं हुई. यही कारण रहा कि अग्रवाल को समीक्षा बैठक में प्रभावी मॉनिटरिंग तंत्र विकसित करने के निर्देश देने पड़े.
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सहकारिता भवन में हुई इस बैठक में अग्रवाल ने कहा कि सभी अधिकारी आपसी सहयोग और समन्वय के साथ कार्य करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें. उनके अनुसार योजनाओं का निर्माण इस प्रकार से किया जाए कि धरातल पर बैठे व्यक्ति की आवश्यकता पूरी हो.
पात्र किसानों को समय पर फसली ऋण वितरण करने के निर्देश
मुक्तानंद अग्रवाल के अनुसार जिस भी वर्ग के लिए योजना जारी की जा रही है, उन्हें उसका लाभ मिले. इसके लिए फीडबैक और सुझाव को जानना बेहद जरूरी है. सहकारिता रजिस्टार ने इस दौरान फसली ऋण वितरण की प्रक्रिया और राज सहकार पोर्टल की प्रगति के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली.
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उन्होंने कहा कि पात्र किसानों को समय पर फसली ऋण वितरण हो, यह सुनिश्चित किया जाए. उनके अनुसार यूसीबी की मॉनिटरिंग के लिए तंत्र विकसित किया जाए. जिससे लोगों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को भी रोका जा सके. इसके हेतु कार्य योजना बनाने के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए.
लापरवाही बरतने पर हो सख्त कार्रवाई
बैठक में निर्देश दिए गए कि शिकायतों के निस्तारण की मॉनिटरिंग की जाए. साथ ही राज्य सरकार द्वारा आवंटित विभाग के बजट का समय पर व्यय होना भी आवश्यक बताया गया. इस काम में जो भी लापरवाही बरतने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी. बैठक में वित्तीय सलाहकार एम एल गुप्ता, अतिरिक्त रजिस्ट्रार सेकंड जीएल स्वामी, सहायक रजिस्ट्रार सुनील माथुर सहित विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे.