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Hanuman Beniwal targeted BJP and Congress: राज्यसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस को समर्थन नहीं देगी आरएलपी, राज्यसभा व राज्यपाल की नहीं है आवश्यकता- हनुमान बेनीवाल

राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने स्थिति साफ कर दी है. पार्टी सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए साफ कर दिया है कि आरएलपी दोनों पार्टियों को समर्थन नहीं (RLP will not support BJP and Congress in Rajya Sabha elections) देगी.

Hanuman Beniwal targeted BJP and Congress,  Beniwal said will talk to other parties
हनुमान बेनीवाल
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Published : May 24, 2022, 10:54 PM IST

जयपुर. प्रदेश में राज्यसभा की 4 सीटों पर होने वाले चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भाजपा और कांग्रेस को समर्थन नहीं (RLP will not support BJP and Congress in Rajya Sabha elections) देगी. पार्टी सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह साफ कर दिया है. बेनीवाल ने यह भी कहा कि देश में राज्यसभा के सदन और राज्यपाल की कोई आवश्यकता ही नहीं है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बेनीवाल ने जोधपुर से शुरू होने वाले आरएलपी के संभाग रैली सहित विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी.

कांग्रेस भाजपा को समर्थन नहीं अन्य दलों से करेंगे बातः ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का प्रदेश की कांग्रेस सरकार से झगड़ा चल रहा है. पिछले दिनों किसानों के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस हम ले चुके हैं. ऐसे में राज्यसभा चुनाव में आरएलपी ने तय कर लिया है कि ना कांग्रेस का साथ देंगे और ना भाजपा का. बल्कि स्वच्छ और साफ छवि के प्रत्याशी को लेकर हम अपने समर्थन पर विचार करेंगे. बेनीवाल ने कहा इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस को छोड़ अन्य दलों और निर्दलीय से फोन पर वे चर्चा कर रणनीति तय करेंगे. उनके अनुसार आरएलपी चाहती है दलित, अल्पसंख्यक या ओबीसी में किसान वर्ग से आने वाले किसी प्रत्याशी को अपना समर्थन दे.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सांसद हनुमान बेनीवाल.

पढ़े:Beniwal supports CHA Protest: सीएचए आंदोलन में पहुंचे आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल, सरकार और एसीबी की कार्यशैली पर उठाए सवाल

राज्यसभा व राज्यपाल की आवश्यकता नहींः हनुमान बेनीवाल का मानना है कि देश में लोकसभा का एक ही सदन रहना चाहिए. राज्यसभा के सदन की आवश्यकता नहीं है. साथ ही बेनीवाल कहते हैं कि राज्य में राज्यपाल की भी आवश्यकता नहीं. क्योंकि राज्यपाल के पद पर फिजूलखर्ची होती है. जबकि राज्यों में राज्यपाल की सुनता ही कौन है?. जिसकी सरकार होती है उन्हीं की चलती है. बेनीवाल ने कहा की राज्यपाल का काम केवल केंद्र को रिपोर्ट भेजने तक ही होता है. उनके अनुसार व्यक्ति के तौर पर भी केवल लोकसभा का ही सदन होने के पक्ष में है, ताकि जिसके पास बहुमत हो वह लोकसभा में अपने अनुरूप काम करवा सके और उसे राज्यसभा पर डिपेंड ना होना पड़े.

मुख्यमंत्री के गृह जिले से करेंगे आंदोलन का आगाजः ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के बाद पार्टी संगठनात्मक रूप से पार्टी का विस्तार और सरकार के खिलाफ हल्ला बोल शुरू करेगी. बेनीवाल ने कहा कि इसकी शुरुआत अगले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर से होगी. जहां संभाग की बड़ी रैली की जाएगी. जिसमें किसानों की कर्ज माफी,प्रदेश को टोल फ्री करने की मांग और बेरोजगारों को भत्ता और रोजगार देने सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा जाएगा. बेनीवाल ने कहा जोधपुर के बाद अलग-अलग संभागों में चरणबद्ध तरीके से इस तरह की रैलियों का आयोजन होगा. साथ ही पार्टी सदस्यता अभियान शुरू करेंगी.

पढ़े:दंगे भड़काने वालों के साथ जिम्मेदार पुलिस और प्रशासनिक अफसरों पर भी हो कार्रवाई : हनुमान बेनीवाल

केंद्र पेट्रोल पर 65 और डीजल पर 50 रुपये घटाए और राज्य सरकार वैट करें कमः पेट्रोल डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी और हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से इस पर एक्साइज ड्यूटी कम कर राहत दिए जाने को बेनीवाल ने नाकाफी बताया. बेनीवाल ने कहा कि साल 2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की जो कीमत थी उससे कम आज है. लेकिन देश में पेट्रोल डीजल के दाम उस समय से लगभग दोगुनी हो गई है. बेनीवाल के अनुसार केंद्र सरकार को पेट्रोल पर 65 रुपये और डीजल पर कम से कम 50 रुपये प्रति लीटर कम करना चाहिए. तभी देश की जनता को राहत का संदेश जाएगा. इसी तरह राज्य सरकारें भी पेट्रोल डीजल पर लगने वाले वैट की दरों को कम करें, क्योंकि राजस्थान में आज पड़ोसी राज्यों की तुलना में वेट की दर काफी ज्यादा है.

विधानसभा चुनाव में भी भाजपा से गठबंधन नहीं लेकिन अन्य छोटे दलों के लिए खुले द्वारः आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भाजपा या कांग्रेस के साथ किसी भी सूरत में गठबंधन नहीं करेगी. हालांकि अन्य राजनीतिक दल के मुद्दे आरएलपी से जुड़े हुए हैं. उनके लिए गठबंधन के द्वार खुले रहेंगे. बेनीवाल ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में आरएलपी ने 57 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे इस बार प्रयास रहेगा कि 200 सीटों पर आरएलपी प्रत्याशी उतारे. जहां गठबंधन हो वहां गठबंधन का धर्म निभाएं.

जयपुर. प्रदेश में राज्यसभा की 4 सीटों पर होने वाले चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भाजपा और कांग्रेस को समर्थन नहीं (RLP will not support BJP and Congress in Rajya Sabha elections) देगी. पार्टी सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह साफ कर दिया है. बेनीवाल ने यह भी कहा कि देश में राज्यसभा के सदन और राज्यपाल की कोई आवश्यकता ही नहीं है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बेनीवाल ने जोधपुर से शुरू होने वाले आरएलपी के संभाग रैली सहित विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी.

कांग्रेस भाजपा को समर्थन नहीं अन्य दलों से करेंगे बातः ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का प्रदेश की कांग्रेस सरकार से झगड़ा चल रहा है. पिछले दिनों किसानों के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस हम ले चुके हैं. ऐसे में राज्यसभा चुनाव में आरएलपी ने तय कर लिया है कि ना कांग्रेस का साथ देंगे और ना भाजपा का. बल्कि स्वच्छ और साफ छवि के प्रत्याशी को लेकर हम अपने समर्थन पर विचार करेंगे. बेनीवाल ने कहा इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस को छोड़ अन्य दलों और निर्दलीय से फोन पर वे चर्चा कर रणनीति तय करेंगे. उनके अनुसार आरएलपी चाहती है दलित, अल्पसंख्यक या ओबीसी में किसान वर्ग से आने वाले किसी प्रत्याशी को अपना समर्थन दे.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सांसद हनुमान बेनीवाल.

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राज्यसभा व राज्यपाल की आवश्यकता नहींः हनुमान बेनीवाल का मानना है कि देश में लोकसभा का एक ही सदन रहना चाहिए. राज्यसभा के सदन की आवश्यकता नहीं है. साथ ही बेनीवाल कहते हैं कि राज्य में राज्यपाल की भी आवश्यकता नहीं. क्योंकि राज्यपाल के पद पर फिजूलखर्ची होती है. जबकि राज्यों में राज्यपाल की सुनता ही कौन है?. जिसकी सरकार होती है उन्हीं की चलती है. बेनीवाल ने कहा की राज्यपाल का काम केवल केंद्र को रिपोर्ट भेजने तक ही होता है. उनके अनुसार व्यक्ति के तौर पर भी केवल लोकसभा का ही सदन होने के पक्ष में है, ताकि जिसके पास बहुमत हो वह लोकसभा में अपने अनुरूप काम करवा सके और उसे राज्यसभा पर डिपेंड ना होना पड़े.

मुख्यमंत्री के गृह जिले से करेंगे आंदोलन का आगाजः ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के बाद पार्टी संगठनात्मक रूप से पार्टी का विस्तार और सरकार के खिलाफ हल्ला बोल शुरू करेगी. बेनीवाल ने कहा कि इसकी शुरुआत अगले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर से होगी. जहां संभाग की बड़ी रैली की जाएगी. जिसमें किसानों की कर्ज माफी,प्रदेश को टोल फ्री करने की मांग और बेरोजगारों को भत्ता और रोजगार देने सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा जाएगा. बेनीवाल ने कहा जोधपुर के बाद अलग-अलग संभागों में चरणबद्ध तरीके से इस तरह की रैलियों का आयोजन होगा. साथ ही पार्टी सदस्यता अभियान शुरू करेंगी.

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केंद्र पेट्रोल पर 65 और डीजल पर 50 रुपये घटाए और राज्य सरकार वैट करें कमः पेट्रोल डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी और हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से इस पर एक्साइज ड्यूटी कम कर राहत दिए जाने को बेनीवाल ने नाकाफी बताया. बेनीवाल ने कहा कि साल 2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की जो कीमत थी उससे कम आज है. लेकिन देश में पेट्रोल डीजल के दाम उस समय से लगभग दोगुनी हो गई है. बेनीवाल के अनुसार केंद्र सरकार को पेट्रोल पर 65 रुपये और डीजल पर कम से कम 50 रुपये प्रति लीटर कम करना चाहिए. तभी देश की जनता को राहत का संदेश जाएगा. इसी तरह राज्य सरकारें भी पेट्रोल डीजल पर लगने वाले वैट की दरों को कम करें, क्योंकि राजस्थान में आज पड़ोसी राज्यों की तुलना में वेट की दर काफी ज्यादा है.

विधानसभा चुनाव में भी भाजपा से गठबंधन नहीं लेकिन अन्य छोटे दलों के लिए खुले द्वारः आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भाजपा या कांग्रेस के साथ किसी भी सूरत में गठबंधन नहीं करेगी. हालांकि अन्य राजनीतिक दल के मुद्दे आरएलपी से जुड़े हुए हैं. उनके लिए गठबंधन के द्वार खुले रहेंगे. बेनीवाल ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में आरएलपी ने 57 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे इस बार प्रयास रहेगा कि 200 सीटों पर आरएलपी प्रत्याशी उतारे. जहां गठबंधन हो वहां गठबंधन का धर्म निभाएं.

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