जयपुर. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव मामले पर मंगलवार को संसद में राजस्थान के टॉप 5 ब्यूरोक्रेट्स पेश होंगे. संसद में पेश होने से पहले मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने उच्चस्तरीय बैठक कर विशेषाधिकार समिति समक्ष रखे जाने वाले पक्ष को लेकर चर्चा की.
बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में हुई, जिसमें गृह विभाग के एसीएस राजीव स्वरूप, डीजीपी भूपेंद्र यादव, तत्कालीन बाड़मेर एसपी शरद चौधरी और संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.
दरअसल, नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद में विशेषाधिकार समिति के समक्ष गुहार लगाई थी. जिसमें हनुमान बैनीवाल ने कहा कि जैसलमेर, बाड़मेर के सांसद और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के काफिले पर हमला हुआ था, जिसको लेकर आज दिन तक FIR दर्ज नहीं की गई. इस पर कार्रवाई करते हुए संसदीय कमेटी ने सीएस, डीजीपी, एडीजीपी, सीएमओ सेक्रेटरी और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को संसद में तलब किया है.
हालांकि, संसदीय समिति के समक्ष पेश होने से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में सामने आया कि केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के काफिले पर हमला होने के तुरंत बाद रिपोर्ट दर्ज कर ली गई थी. पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि रिपोर्ट दर्ज करने के बावजूद वॉल्यूम के बयान नहीं होने के कारण आगे प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है.
बताया जा रहा है कि अब से पहले राजस्थान के किसी भी सांसद की ओर से दिए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर राज्य के सबसे बड़े 4 अधिकारियों को संसद में तलब नहीं किया गया है. यह पहली बार हो रहा है.