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राजस्थान के सरपंचों का आंदोलन जारी, कल करेंगे विधानसभा का घेराव - Rajasthan Political News

राजस्थान के सरपंचों का आंदोलन जारी है. सरपंच अपने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इसी बीच सरकार ने एक बार फिर सरपंच संघ के प्रतिनिधिमंडल को 11 बजे सचिवालय में वार्ता के लिए बुलाया है.

movement of sarpanches of Rajasthan continues
राजस्थान के सरपंचों का आंदोलन जारी
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Published : Mar 21, 2022, 10:03 AM IST

जयपुर. प्रदेश भर में सरपंचों का कार्य बहिष्कार जारी है. कार्य बहिष्कार के कारण प्रत्येक महीने 20 तारीख को होनी वाली पंचायत विकास कार्यों की मीटिंग भी इस महीने नहीं हुई, जिससे विकास कार्यों पर ब्रेक लग गया है. सरपंच अपने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. वहीं, अगर सरकार से बात नहीं बनी तो 22 मार्च को होने वाले विधानसभा घेराव में प्रदेश के वार्ड पंच को भी शामिल करने का आह्वान किया जा सकता है.

इसी बीच आज यानि सोमवार को सरकार ने एक बार फिर संघ के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए सचिवालय बुलाया है. हालांकि, शनिवार को भी प्रतिनिधिमंडल की पंचायती राज विभाग के सचिव के साथ वार्ता हुई थी, लेकिन वार्ता में कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला था. अब एक बार फिर सरकार ने 11 बजे सचिवालय में वार्ता के लिए बुलाया है. सरपंच ने साफ कर दिया कि अब मंत्री और उसके अलावा मांगों से जुड़े सभी संबंधित पांचों विभागों के अधिकारी इस बैठक में शामिल होंगे तो ही वार्ता होगी. संघ ने कहा कि जब तक सभी अधिकारी एक साथ शामिल नहीं होंगे तब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता है.

पढ़ें- आंदोलन की राह पर गांव की सरकार: 5 घंटे की वार्ता में नहीं बनी बात...11 हजार सरपंच 22 मार्च को करेंगे विधानसभा का घेराव

वार्ड पंचों का मिला समर्थन: सरपंच संघ जयपुर के अध्यक्ष मेहर सिंह धनकड़ ने बताया कि अगर उनकी 13 सूत्रीय मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. 22 मार्च को साढ़े 11 हजार सरपंचों के साथ सरपंच संघ विधानसभा का घेराव करेगा. उन्होंने बताया कि आंदोलन की तैयारी कर ली गई है. सरकार अगर सरपंच संघ की मांगों को नहीं मानती है तो प्रदेश भर में सवा लाख वार्ड पंच हैं, उनका समर्थन पहले से ही सरपंच संघ को मिल गया है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सवा लाख वार्ड पंचों को भी इस आंदोलन में शामिल किया जाएगा. साथ ही इस विधानसभा घेराव में महिला सरपंच भी शामिल होंगी.

ये है प्रमुख मांगें (Demands of Sarpanch of Rajasthan)

  • छठवें राज्य वित्त आयोग में दी गई राजस्व कटौती को वापस बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए.
  • निजी खातेदारी में प्रचलित रास्तों और पेयजल योजनाओं के लिए सहमति के आधार पर स्वीकृति जारी करने के आदेश प्रदान किए जाए.
  • पेयजल योजनाओं का संचालन और संधारण पीएचईडी की ओर से किया जाए.
  • कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों को नियमन कर पट्टा जारी करने का अधिकार पंचायतों को दिया जाए.
  • सरपंच अपना मानदेय 4 हजार से 15 हजार करने की मांग भी कर रहे हैं.
  • संविदा कर्मियों का वेतन संबंधित विभाग से करवाया जाए.
  • राज्य में करोड़ों रुपए के नए कार्य नहीं हो पा रहे हैं. इससे पीएम आवास, जेजेएम, सड़क निर्माण के कार्य पूरी तरह प्रभावित हो गए हैं.

जयपुर. प्रदेश भर में सरपंचों का कार्य बहिष्कार जारी है. कार्य बहिष्कार के कारण प्रत्येक महीने 20 तारीख को होनी वाली पंचायत विकास कार्यों की मीटिंग भी इस महीने नहीं हुई, जिससे विकास कार्यों पर ब्रेक लग गया है. सरपंच अपने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. वहीं, अगर सरकार से बात नहीं बनी तो 22 मार्च को होने वाले विधानसभा घेराव में प्रदेश के वार्ड पंच को भी शामिल करने का आह्वान किया जा सकता है.

इसी बीच आज यानि सोमवार को सरकार ने एक बार फिर संघ के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए सचिवालय बुलाया है. हालांकि, शनिवार को भी प्रतिनिधिमंडल की पंचायती राज विभाग के सचिव के साथ वार्ता हुई थी, लेकिन वार्ता में कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला था. अब एक बार फिर सरकार ने 11 बजे सचिवालय में वार्ता के लिए बुलाया है. सरपंच ने साफ कर दिया कि अब मंत्री और उसके अलावा मांगों से जुड़े सभी संबंधित पांचों विभागों के अधिकारी इस बैठक में शामिल होंगे तो ही वार्ता होगी. संघ ने कहा कि जब तक सभी अधिकारी एक साथ शामिल नहीं होंगे तब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता है.

पढ़ें- आंदोलन की राह पर गांव की सरकार: 5 घंटे की वार्ता में नहीं बनी बात...11 हजार सरपंच 22 मार्च को करेंगे विधानसभा का घेराव

वार्ड पंचों का मिला समर्थन: सरपंच संघ जयपुर के अध्यक्ष मेहर सिंह धनकड़ ने बताया कि अगर उनकी 13 सूत्रीय मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. 22 मार्च को साढ़े 11 हजार सरपंचों के साथ सरपंच संघ विधानसभा का घेराव करेगा. उन्होंने बताया कि आंदोलन की तैयारी कर ली गई है. सरकार अगर सरपंच संघ की मांगों को नहीं मानती है तो प्रदेश भर में सवा लाख वार्ड पंच हैं, उनका समर्थन पहले से ही सरपंच संघ को मिल गया है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सवा लाख वार्ड पंचों को भी इस आंदोलन में शामिल किया जाएगा. साथ ही इस विधानसभा घेराव में महिला सरपंच भी शामिल होंगी.

ये है प्रमुख मांगें (Demands of Sarpanch of Rajasthan)

  • छठवें राज्य वित्त आयोग में दी गई राजस्व कटौती को वापस बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए.
  • निजी खातेदारी में प्रचलित रास्तों और पेयजल योजनाओं के लिए सहमति के आधार पर स्वीकृति जारी करने के आदेश प्रदान किए जाए.
  • पेयजल योजनाओं का संचालन और संधारण पीएचईडी की ओर से किया जाए.
  • कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों को नियमन कर पट्टा जारी करने का अधिकार पंचायतों को दिया जाए.
  • सरपंच अपना मानदेय 4 हजार से 15 हजार करने की मांग भी कर रहे हैं.
  • संविदा कर्मियों का वेतन संबंधित विभाग से करवाया जाए.
  • राज्य में करोड़ों रुपए के नए कार्य नहीं हो पा रहे हैं. इससे पीएम आवास, जेजेएम, सड़क निर्माण के कार्य पूरी तरह प्रभावित हो गए हैं.
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