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अलविदा 2019 : लोक अदालतों में पिछली साल की तुलना में दो गुणा से ज्यादा मुकदमों का निस्तारण - राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण

साल 2019 में राजस्थान लोक अदालत मुकदमों का निस्तारण करने में काफी सफल साबित हुई है. इस साल ढाई लाख से ज्यादा मुकदमों का निस्तारण हुआ. साथ ही 1892 करोड़ रुपए से ज्यादा का अवार्ड दिया गया.

दो गुणा मुकदमों का निस्तारण, two times cases settled
दो गुणा मुकदमों का निस्तारण
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Published : Dec 29, 2019, 8:46 PM IST

जयपुर. राजस्थान लोक अदालत मुकदमों का निस्तारण करने में इस साल काफी सफल साबित हुई है. इस साल आयोजित पांच राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिए ढाई लाख से ज्यादा मुकदमों का निस्तारण हुआ है. साथ ही 1892 करोड़ रुपए से ज्यादा का अवार्ड दिया गया.

वहीं विधिक जागरूकता के क्षेत्र में किए समग्र काम के कारण राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को देश में सर्वश्रेष्ठ प्राधिकरण का पुरस्कार भी दिया गया. प्राधिकरण के सचिव एके जैन ने बताया कि लोक अदालत में आपसी समझाइश और राजीनामे की भावना से पक्षकारों में समझौता करवाया जाता है. जिसकी वजह से विवाद का हमेशा के लिए निस्तारण होता है और इनकी अपील भी नहीं होती है.

पढ़ें: बाड़मेर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करेंगे टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का दौरा, प्रशासन अलर्ट पर

ये रहे आंकड़े:-

  • करीबन 17 लाख मुकदमें अधीनस्थ अदालतों में लंबित
  • 4,45,002 हाईकोर्ट में लंबित मामले
  • 2,68,998 जयपुर पीठ में लंबित मामले
  • 1,76,004 जोधपुर पीठ में लंबित मामले
  • 47535 मामले पहली लोक अदालत 12 जनवरी को निस्तारित
  • 446.47 करोड़ रुपए का अवार्ड पहली लोक अदालत में
  • 36707 मामले दूसरी लोक अदालत 9 मार्च को निस्तारित
  • 218.48 करोड़ रुपए का अवार्ड दूसरी लोक अदालत में
  • 71689 मामले तीसरी लोक अदालत 13 जुलाई को निस्तारित
  • 583.21 करोड़ रुपए का अवार्ड तीसरी लोक अदालत में
  • 45016 मामले चौथी लोक अदालत 14 सितंबर को निस्तारित
  • 246.21 करोड़ रुपए का अवार्ड चौथी लोक अदालत में
  • 52939 मुकदमें 14 दिसंबर को पांचवी लोक अदालत में निस्तारित
  • 398.79 करोड़ रुपए का अवार्ड पांचवी लोक अदालत में
  • 253986 मुकदमों का निस्तारण 2019 की लोक अदालत में
  • 1892.17 करोड़ रुपए का अवार्ड 2019 की लोक अदालत में
  • 119608 मुकदमों का निस्तारण 2018 की लोक अदालत में
  • 800.55 करोड़ रुपए का अवार्ड 2018 की लोक अदालत में

जयपुर. राजस्थान लोक अदालत मुकदमों का निस्तारण करने में इस साल काफी सफल साबित हुई है. इस साल आयोजित पांच राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिए ढाई लाख से ज्यादा मुकदमों का निस्तारण हुआ है. साथ ही 1892 करोड़ रुपए से ज्यादा का अवार्ड दिया गया.

वहीं विधिक जागरूकता के क्षेत्र में किए समग्र काम के कारण राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को देश में सर्वश्रेष्ठ प्राधिकरण का पुरस्कार भी दिया गया. प्राधिकरण के सचिव एके जैन ने बताया कि लोक अदालत में आपसी समझाइश और राजीनामे की भावना से पक्षकारों में समझौता करवाया जाता है. जिसकी वजह से विवाद का हमेशा के लिए निस्तारण होता है और इनकी अपील भी नहीं होती है.

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ये रहे आंकड़े:-

  • करीबन 17 लाख मुकदमें अधीनस्थ अदालतों में लंबित
  • 4,45,002 हाईकोर्ट में लंबित मामले
  • 2,68,998 जयपुर पीठ में लंबित मामले
  • 1,76,004 जोधपुर पीठ में लंबित मामले
  • 47535 मामले पहली लोक अदालत 12 जनवरी को निस्तारित
  • 446.47 करोड़ रुपए का अवार्ड पहली लोक अदालत में
  • 36707 मामले दूसरी लोक अदालत 9 मार्च को निस्तारित
  • 218.48 करोड़ रुपए का अवार्ड दूसरी लोक अदालत में
  • 71689 मामले तीसरी लोक अदालत 13 जुलाई को निस्तारित
  • 583.21 करोड़ रुपए का अवार्ड तीसरी लोक अदालत में
  • 45016 मामले चौथी लोक अदालत 14 सितंबर को निस्तारित
  • 246.21 करोड़ रुपए का अवार्ड चौथी लोक अदालत में
  • 52939 मुकदमें 14 दिसंबर को पांचवी लोक अदालत में निस्तारित
  • 398.79 करोड़ रुपए का अवार्ड पांचवी लोक अदालत में
  • 253986 मुकदमों का निस्तारण 2019 की लोक अदालत में
  • 1892.17 करोड़ रुपए का अवार्ड 2019 की लोक अदालत में
  • 119608 मुकदमों का निस्तारण 2018 की लोक अदालत में
  • 800.55 करोड़ रुपए का अवार्ड 2018 की लोक अदालत में
Intro:जयपुर। राजस्थान में लोक अदालत मुकदमों का निस्तारण करने में इस साल काफी सफल साबित हुई है। इस साल  आयोजित पांच राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिए ढाई लाख से ज्यादा मुकदमों का निस्तारण हुआ साथ ही 1892 करोड़ रुपए से ज्यादा का अवार्ड दिया गया। विधिक जागरूकता के क्षेत्र में किए समग्र काम की वजह से ही राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को देश में सर्वश्रेष्ठ प्राधिकरण का पुरस्कार भी दिया गया। प्राधिकरण के सचिव एके जैन ने बताया कि लोक अदालत में आपसी समझाइश, राजीनामे की भावना से पक्षकारों में समझौता करवाया जाता है और जिसकी वजह से विवाद का हमेशा के लिए निस्तारण होता है, इनकी अपील भी नहीं होती है।

Body:करीबन 17 लाख मुकदमें अधीनस्थ अदालतों में लंबित 
4,45,002 हाईकोर्ट में लंबित मामले
2,68,998 जयपुर पीठ में लंबित मामले
1,76,004 जोधपुर पीठ में लंबित मामले
47535 मामले पहली लोक अदालत 12 जनवरी को निस्तारित
446.47 करोड़ रुपए का अवार्ड पहली लोक अदालत में
36707 मामले दूसरी लोक अदालत 9 मार्च को निस्तारित
218.48 करोड़ रुपए का अवार्ड दूसरी लोक अदालत में
71689 मामले तीसरी लोक अदालत 13 जुलाई को निस्तारित
583.21 करोड़ रुपए का अवार्ड तीसरी लोक अदालत में 
45016 मामले चौथी लोक अदालत 14 सितंबर को निस्तारित
246.21 करोड़ रुपए का अवार्ड चौथी लोक अदालत में
52939 मुकदमें 14 दिसंबर को पांचवी लोक अदालत में निस्तारित
398.79 करोड़ रुपए का अवार्ड पांचवी लोक अदालत में
253986 मुकदमों का निस्तारण 2019 की लोक अदालत में
1892.17 करोड़ रुपए का अवार्ड 2019 की लोक अदालत में
119608 मुकदमों का निस्तारण 2018 की लोक अदालत में
800.55 करोड़ रुपए का अवार्ड 2018 की लोक अदालत में


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