जयपुर. देश भर के बैंक कर्मी निजीकरण के विरोध में उतर गए हैं. इसी के चलते बैंकों में मंगलवार को दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रही. प्रदेश में करीब-करीब 36 हजार बैंक कर्मी इस हड़ताल में शामिल हुए. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दो दिन तक चले इस हड़ताल के दौरान करीब 20 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर पूरे देश में बैंकों के निजीकरण का विरोध बैंक कर्मी कर रहे हैं. इसी के तहत जयपुर के अंबेडकर सर्किल पर स्थित बीमा निधि भवन पर बैंक कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक महेश मिश्रा ने बताया, केंद्र सरकार बैंकों के निजीकरण की बात कह रही है. ऐसे में बैंक कर्मचारियों में इसे लेकर काफी असंतोष है और बैंक कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है.
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महेश मिश्रा ने बताया, हड़ताल के दौरान सरकार के प्रतिनिधियों से उनकी वार्ता हुई. लेकिन किसी भी तरह का संतोषजनक जवाब सरकार की ओर से नहीं मिल पाया. इसी के चलते मंगलवार को दूसरे दिन भी बैंकों में हड़ताल है. हालांकि, प्राइवेट क्षेत्र के बैंकों को छोड़कर लगभग सभी बैंक इस हड़ताल में शामिल हैं.
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करोड़ों का लेन-देन अटका
बता दें कि, दो दिन तक चली इस हड़ताल के दौरान बैंकों में करीब करोड़ों रुपए का लेन-देन अटक गया है. ऐसे में जो चेक क्लीयरिंग के लिए डाले गए थे. वह अभी तक क्लियर नहीं हो पाए हैं. ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि इस दौरान करीब पूरे प्रदेश में 20 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है. हालांकि, इस दौरान प्रदेश भर के करीब 15 हजार एटीएम भी प्रभावित होने की उम्मीद जताई जा रही है. लेकिन आनन-फानन में एटीएम के अंदर पैसों की व्यवस्था बैंक की ओर से की गई है.