जयपुर. यूक्रेन के हालात बेहद संवेदनशील है. रूसी हमले की रिपोर्ट से भारतीय परिवार घबराए हुए हैं. अपने परिजनों की फिक्र में लोग बेहाल हैं. इस बीच प्रदेश की गहलोत सरकार ने कंट्रोल रूम बना लोगों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है. यहां पर सूचनाएं एकत्रित की जा रही है.
राजस्थान फाउंडेशन (Rajasthan Foundation On Ukraine Crisis) से मिले आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 3155 लोगों के परिजनों ने उनसे संपर्क किया है. ये वो हैं जिनके घर के सदस्य यूक्रेन में फंसे (Rajasthani Trapped In Ukraine) हुए हैं. इनमें से 850 स्टूडेंट्स है. बाकी लोग व्यापारिक कार्य से वहां रह रहे थे. सूचना के अनुसार अब करीब 100 स्टूडेंट्स वापस आ चुके है. बाकी को लाने के लिए एयरलिफ्ट ऑपरेशन की प्लानिंग है. राजस्थान फाउंडेशन लगातार राजस्थानियों को लाने के लिए भारतीय दूतावास संपर्क बनाए हुए है.
राजस्थान फाउंडेशन से जुड़े सूत्रों की माने तो इस संख्या और बढ़ोतरी (Ukraine crisis Effect On Rajasthan) हो सकती है. जैसे-जैसे परिवार वाले कंट्रोल रूम में संपर्क कर रहे हैं, वैसे वैसे उनकी जानकारी भारतीय दूतावास को दी जा रही है.
राजस्थान से यूक्रेन में पढ़ाई करने के लिए करीब 1000 के करीब छात्र वहां पर रह रहे हैं. इनमें से 150 से ज्यादा छात्रों की वापसी हो चुकी है, बाकी को लाने का प्रयास लगातार जारी है . मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी भारत सरकार से भारतीय दूतावास हंगरी और पोलैंड के वैकल्पिक रास्तों से भारतीयों को निकालने को लेकर सुझाव किए थे. गहलोत ने कहा था कि इराक-कुवैत युद्ध के दौरान भी हजारों भारतीयों को एयरलिफ्ट कर भारत लाया गया था, उम्मीद है कि यूक्रेन से भी इसी तरह सब भारतीयों की सुरक्षित वापसी होगी.
मेडिकल छात्रों के परिजनों ने लगाई गुहार: हिगोनियां क्षेत्र के सुरेंद्र लाखराण, महेंद्र ढाका, अरशद खान यूक्रेन के ओडेसा शहर स्थित नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी व अन्य मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए हुए हैं जिनमें से सुरेंद्र और महेंद्र ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस फाइनल ईयर में अध्ययनरत हैं. हमले से वहां मौजूद विद्यार्थी चिंतित हैं. परिजन उनके सम्पर्क में हैं.
कुछ ही दूर पर मिसाइल हमला: यूक्रेन के ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हिंगोनियां क्षेत्र निवासी सुरेंद्र लाखराण और महेन्द्र ढाका सहमे हैं. उन्होंने बताया है कि रूस की सेना ओडेसा शहर से मात्र 20-30 किलोमीटर दूरी पर है. उनके मेडिकल कॉलेज से कुछ ही दूरी पर मिसाइल हमला भी हुआ है और दहशत का माहौल है. अपने बच्चों की फिक्र में परिजन भारत सरकार और गहलोत सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं.