ETV Bharat / city

सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल ही नहीं, जनप्रतिनिधि नहीं उठा पा रहे मुद्दे : माकपा विधायक

प्रदेश सरकार के विधानसभा सत्र के दौरान शून्यकाल और प्रश्नकाल ही नहीं चल रहा है. श्रीडूंगरगढ़ से माकपा विधायक गिरधारी लाल महिया ने अपने बयान में कहा है कि सरकार विधानसभा सत्र चलाने का दिखावा कर रही है. सदन में जनता की समस्या उठाने के लिए कोई प्रश्नकाल ही नहीं रखा गया.

Issues unable to raise public representative: Girdhari Lal Mahia
जनप्रतिनिधि नहीं उठा पा रहे मुद्दे : गिरधारी लाल महिया
author img

By

Published : Aug 24, 2020, 3:57 PM IST

जयपुर. विधानसभा सत्र के दौरान प्रश्नकाल और शून्य काल नहीं चलने से जनप्रतिनिधियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. विधायकों का कहना है कि शून्य काल और प्रश्न काल के बिना वे जनता की समस्या सदन में नही उठा पा रहे हैं. श्रीडूंगरगढ़ से माकपा विधायक गिरधारी लाल महिया ने कहा है कि सरकार जन समस्याओं को उठाने से बचना चाहती है.

जनप्रतिनिधि नहीं उठा पा रहे मुद्दे : गिरधारी लाल महिया

विधायक ने कहा कि सदन में इस पूरे सत्र में उन्होंने 30 प्रश्न लगाए हैं और 15 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए लेकिन सब धरे रह गए. महिया ने कहा कि विशेष उल्लेख के प्रस्ताव भी दिए गए. स्थगन प्रस्ताव पर पर्ची के माध्यम से भी जनता के मुद्दे वे उठाना चाहते थे मगर अफसोस है कि प्रश्नकाल न होने से जनता की समस्याओं को लेकर सवाल ही नहीं उठाया जा सका.

यह भी पढ़ें: राजस्थान : सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा, BAC के प्रतिवेदन के खिलाफ भाजपा विधायकों का वॉकआउट

विधायक महिया ने बताया कि सदन में तीन प्रश्न सूचीबद्ध हुए थे मगर प्रश्नकाल न होने के कारण किसानों, मजदूरों व आम जनता की आवाज सदन में नहीं उठा सके. सरकार किसी भी प्रश्न में किसी भी प्रस्ताव पर सदन में चर्चा नहीं करवाना चाहती. तीन दिन सदन चला और तीनों ही दिन शून्यकाल और प्रश्नकाल स्थगित कर दिया गया. सरकार संपूर्ण कर्ज माफी के नारे के साथ सत्ता में आई थी मगर आज तक किसानों के कर्ज माफ नहीं किए गए.

यह भी पढ़ें: सदन में हंगामे पर भड़के स्पीकर, राजेंद्र राठौड़ को लेकर कह दी ये बड़ी बात

महिया ने कहा कि इस महामारी में किसानों व घरेलू उपभोक्ताओं की छह माह के बिजली के बिल माफ करने की जरूरत है. मगर सरकार ने बिजली के बिल माफ नहीं किए. दूसरी ओर भारतमाला परियोजना के अंदर केवल खेजड़ी के पेड़ पर मात्र 30 रुपये का मुआवजा देकर किसानों की जमीन को अधिग्रहीत किया जा रहा है. आरोप लगाया कि किसानों पर झूठे मुकदमे बनाए जा रहे हैं और थानों में किसान नेताओं से मारपीट की जा रही है.

टिड्डी से बर्बाद किसानों को मुआवजा देने की कोई बात सरकार कर ही नहीं रही है. इसलिए अब वे इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे और संघर्ष करेंगे. गिरधारी लाल मैया ने कहा कि सदन में जो भी जनप्रतिनिधि आवाज उठाना चाहते थे, वह अभी तक प्रश्न नहीं कर सके हैं. उन्होंने मांग कि कि संशोधन विधेयक पर भी सदन में चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिर्फ दिखावे के रूप में सदन को चलाया जा रहा है.

जयपुर. विधानसभा सत्र के दौरान प्रश्नकाल और शून्य काल नहीं चलने से जनप्रतिनिधियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. विधायकों का कहना है कि शून्य काल और प्रश्न काल के बिना वे जनता की समस्या सदन में नही उठा पा रहे हैं. श्रीडूंगरगढ़ से माकपा विधायक गिरधारी लाल महिया ने कहा है कि सरकार जन समस्याओं को उठाने से बचना चाहती है.

जनप्रतिनिधि नहीं उठा पा रहे मुद्दे : गिरधारी लाल महिया

विधायक ने कहा कि सदन में इस पूरे सत्र में उन्होंने 30 प्रश्न लगाए हैं और 15 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए लेकिन सब धरे रह गए. महिया ने कहा कि विशेष उल्लेख के प्रस्ताव भी दिए गए. स्थगन प्रस्ताव पर पर्ची के माध्यम से भी जनता के मुद्दे वे उठाना चाहते थे मगर अफसोस है कि प्रश्नकाल न होने से जनता की समस्याओं को लेकर सवाल ही नहीं उठाया जा सका.

यह भी पढ़ें: राजस्थान : सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा, BAC के प्रतिवेदन के खिलाफ भाजपा विधायकों का वॉकआउट

विधायक महिया ने बताया कि सदन में तीन प्रश्न सूचीबद्ध हुए थे मगर प्रश्नकाल न होने के कारण किसानों, मजदूरों व आम जनता की आवाज सदन में नहीं उठा सके. सरकार किसी भी प्रश्न में किसी भी प्रस्ताव पर सदन में चर्चा नहीं करवाना चाहती. तीन दिन सदन चला और तीनों ही दिन शून्यकाल और प्रश्नकाल स्थगित कर दिया गया. सरकार संपूर्ण कर्ज माफी के नारे के साथ सत्ता में आई थी मगर आज तक किसानों के कर्ज माफ नहीं किए गए.

यह भी पढ़ें: सदन में हंगामे पर भड़के स्पीकर, राजेंद्र राठौड़ को लेकर कह दी ये बड़ी बात

महिया ने कहा कि इस महामारी में किसानों व घरेलू उपभोक्ताओं की छह माह के बिजली के बिल माफ करने की जरूरत है. मगर सरकार ने बिजली के बिल माफ नहीं किए. दूसरी ओर भारतमाला परियोजना के अंदर केवल खेजड़ी के पेड़ पर मात्र 30 रुपये का मुआवजा देकर किसानों की जमीन को अधिग्रहीत किया जा रहा है. आरोप लगाया कि किसानों पर झूठे मुकदमे बनाए जा रहे हैं और थानों में किसान नेताओं से मारपीट की जा रही है.

टिड्डी से बर्बाद किसानों को मुआवजा देने की कोई बात सरकार कर ही नहीं रही है. इसलिए अब वे इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे और संघर्ष करेंगे. गिरधारी लाल मैया ने कहा कि सदन में जो भी जनप्रतिनिधि आवाज उठाना चाहते थे, वह अभी तक प्रश्न नहीं कर सके हैं. उन्होंने मांग कि कि संशोधन विधेयक पर भी सदन में चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिर्फ दिखावे के रूप में सदन को चलाया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.