जयपुर. प्रदेश के सरकारी विभागों में 16 सीसी के अंतर्गत 1030 प्रकरणों की जांच लंबित पड़ी है और उस पर अब तक कोई फैसला नहीं आ पाया है. राजस्थान विधानसभा में विधायक सूर्यकांता व्यास के सवाल के जवाब में ये जानकारी ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने दी. हालांकि इस दौरान पूछे गए सवालों के जवाब लिखित में विधायक को दिए गए, उससे सूर्यकांता व्यास आहत दिखीं और इस संबंध में नाराजगी उन्होंने सदन में भी खुलकर जताई.
इसलिए नाराज थी सूर्यकांता व्यास
विधायक सूर्यकांता व्यास ने कार्मिक विभाग से जुड़ा सवाल तो उठाया, लेकिन लिखित में जो जवाब उन्हें मिले, वह केवल एक लाइन और आधे लाइन के ही था. इसमें उत्तर भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं था. इस पर आपत्ति सूर्यकांता व्यास ने सदन में भी जताई और प्रश्न के साथ लिखित में मिले उत्तर को भी पढ़कर सुनाया. सीधे तौर पर मंत्री पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्ट अधिकारियों को बचाना चाहते हैं. हालांकि इस दौरान मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया है और जांच भी सतत रूप से चलती रहती है.
इस दौरान बीडी कल्ला ने भी कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में कितने अधिकारियों की जांच हो गई और उन्हें दंडित कर दिया, ये भी जरा सदन में बता दें. ऐसे में नाराज होकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी बीच में बोल पड़े. कटारिया ने मंत्री से पूछा कि प्रकरण चाहे पिछली सरकार के हों, मंत्री जी आप ही ये बता दीजिए कि 3010 प्रकरण, जिनकी जांच लंबित चल रही है, उनमें सबसे पुराना प्रकरण कौन से साल का है. जवाब में मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. कटारिया ने कहा कि अगर दोषी हैं तो सजा मिलना चाहिए. लेकिन जांच के नाम पर कई साल तक कर्मचारियों को परिलाभ से महरूम रहना पड़ता है.