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लोढ़ा का केंद्र सरकार पर जुबानी हमला, कहा- अब किसान का खेत बेचने पर भी आमादा हो गए...

गहलोत सरकार (Gehlot Government) के कृषि बिल संशोधन (Agricultural Bill Amendment) पर सोमवार को राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) में निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भी अपनी बात रखी. लोढ़ा ने कहा कि 'नए कानून लेकर क्यों लाने पड़े' यह सदन के सामने सबसे बड़ा और विचारणीय प्रश्न होना चाहिए. क्या संसद को कृषि पर कानून बनाने का अधिकार था?

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विधानसभा में निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा बोलते हुए
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Published : Nov 2, 2020, 4:36 PM IST

जयपुर. विधानसभा की कार्यवाही के दौरान निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने नए कृषि कानून पर जमकर जुबानी प्रहार किया. लोढ़ा ने कहा कि देश की संसद में जब यह कृषि कानून लाए गए तो केंद्र सरकार ने क्या यह बताया कि संविधान की कौन सी धारा के तहत यह कानून लाया गया है.

विधानसभा में निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा बोलते हुए

विधायक लोढ़ा ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने पूरे देश का संविधान बनाया. बीते 70 साल में जनता के हित में निर्णय लेने के लिए जब-जब जरूरत पड़ी, तब-तब संविधान में संशोधन किए गए. केंद्र सरकार यह बताए कि जब देश कोरोना का सामना कर रहा था. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने मई महीने के आखिरी सप्ताह में लॉकडाउन-1 का ऐलान किया. वहीं ऐसा क्या हो गया कि 5 जून को अचानक एक ऑर्डिनेंस लेकर आए. क्या केंद्र सरकार इस महत्वपूर्ण बिल के लिए मानसून सत्र का इंतजार नहीं कर सकती थी. हम ऐसे कालखंड से गुजर रहे हैं, जब देश की तमाम संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनियता कमजोर हो गई है. ऐसे दौर में केंद्र सरकार किसानों को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है.

यह भी पढ़ें: कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का भारत सरकार से निवेदन, कहा- कृषि कानून को वापस ले लो

केंद्र सरकार ने हिंदुस्तान को एक कॉरपोरेट्स स्टेट बना दिया है. केंद्र आज एयरपोर्ट बेच रही है, रेलवे बेच रही है, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां बेच रही है और अब तो किसान का खेत बेचने पर भी आमादा है. उन्होंने कहा कि इन बिलों को लेकर बीजेपी अपने सहयोगी दलों को नहीं समझा पाई. पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया. राजस्थान में भी आपके सहयोगी आरएलपी ने आपका साथ इन कानूनों पर छोड़ दिया. राज्यसभा में शोरगुल के बीच में वह कानून पारित करवाया. इससे भी बुरा यह है कि सभी विपक्षी दल राष्ट्रपति के पास गए, उसके बावजूद भी उन्होंने हस्ताक्षर किए. यह देश के प्रजातंत्र की आत्मा के ऊपर हमला है.

जयपुर. विधानसभा की कार्यवाही के दौरान निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने नए कृषि कानून पर जमकर जुबानी प्रहार किया. लोढ़ा ने कहा कि देश की संसद में जब यह कृषि कानून लाए गए तो केंद्र सरकार ने क्या यह बताया कि संविधान की कौन सी धारा के तहत यह कानून लाया गया है.

विधानसभा में निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा बोलते हुए

विधायक लोढ़ा ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने पूरे देश का संविधान बनाया. बीते 70 साल में जनता के हित में निर्णय लेने के लिए जब-जब जरूरत पड़ी, तब-तब संविधान में संशोधन किए गए. केंद्र सरकार यह बताए कि जब देश कोरोना का सामना कर रहा था. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने मई महीने के आखिरी सप्ताह में लॉकडाउन-1 का ऐलान किया. वहीं ऐसा क्या हो गया कि 5 जून को अचानक एक ऑर्डिनेंस लेकर आए. क्या केंद्र सरकार इस महत्वपूर्ण बिल के लिए मानसून सत्र का इंतजार नहीं कर सकती थी. हम ऐसे कालखंड से गुजर रहे हैं, जब देश की तमाम संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनियता कमजोर हो गई है. ऐसे दौर में केंद्र सरकार किसानों को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है.

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केंद्र सरकार ने हिंदुस्तान को एक कॉरपोरेट्स स्टेट बना दिया है. केंद्र आज एयरपोर्ट बेच रही है, रेलवे बेच रही है, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां बेच रही है और अब तो किसान का खेत बेचने पर भी आमादा है. उन्होंने कहा कि इन बिलों को लेकर बीजेपी अपने सहयोगी दलों को नहीं समझा पाई. पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया. राजस्थान में भी आपके सहयोगी आरएलपी ने आपका साथ इन कानूनों पर छोड़ दिया. राज्यसभा में शोरगुल के बीच में वह कानून पारित करवाया. इससे भी बुरा यह है कि सभी विपक्षी दल राष्ट्रपति के पास गए, उसके बावजूद भी उन्होंने हस्ताक्षर किए. यह देश के प्रजातंत्र की आत्मा के ऊपर हमला है.

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