जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना काल में हर क्षेत्र के लोग किसी ना किसी तरीके से असहाय लोगों की मदद करने में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही कोरोना की जंग में जुटे हुए चिकित्सकों के सामने भी अनेक तरह की समस्याएं आ रही है, जिसे दूर करने के लिए विभिन्न NGO की मदद ली जा रही है.
SMS अस्पताल में बच्चों के लिए बनाए गए कोविड-19 वार्ड में चिकित्सकों के सामने एक समस्या सामने आई, जो वार्ड में भर्ती बच्चों की एक्टिविटी से संबंधित थी. कोरोना चाइल्ड वार्ड के इंचार्ज डॉ. मनीष अग्रवाल ने बताया कि बच्चों के पास करने के लिए कोई भी एक्टिविटी नहीं थी. जिसके चलते बच्चे काफी निराश और उदास नजर आ रहे थे.
कोरोना चाइल्ड वार्ड में भर्ती बच्चों के पास केवल मेडिकल स्टाफ ही जा सकता है और वह भी पूरी तरह से पीपीई किट और अन्य गैजेट से ढका हुआ होता है. जिनका चेहरा तक बच्चे नहीं देख सकते हैं. ऐसे में बच्चे काफी निराश और उदास रहने लगे और बच्चों की उदासी को दूर करने के लिए कोरोना चाइल्ड वार्ड के इंचार्ज डॉक्टर मनीष अग्रवाल ने मित्र फाउंडेशन नाम की NGO से संपर्क किया.
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मित्र फाउंडेशन के रितेश शर्मा से बातचीत कर डॉक्टर मनीष अग्रवाल ने उन्हें बच्चों के लिए कुछ क्रिएटिव एक्टिविटी से संबंधित काम करने की अपील की. जिस पर मित्र फाउंडेशन के रितेश शर्मा ने अपनी पूरी क्रिएटिव टीम को कोरोना चाइल्ड वार्ड में भर्ती बच्चों के प्रति समर्पित करते हुए क्रिएटिव एक्टिविटी से संबंधित वस्तुओं के निर्माण में लगा दिया.
खुद ही बना डाली एक्टिविटी किट
मित्र फाउंडेशन के रितेश शर्मा ने बताया कि कोरोना चाइल्ड वार्ड में भर्ती बच्चों के लिए जब एक्टिविटी किट तैयार करने के लिए ड्राइंग शीट, एक्टिविटी बुक सहित अन्य सामान ढूंढना शुरू किया तो लॉकडाउन के चलते बाजार में कहीं पर भी यह सामान नहीं मिल पाए.
जिस पर उनकी क्रिएटिव टीम ने खुद ही यह तमाम सामान अपने हाथों से बनाने की ठानी और बच्चों के लिए ड्राइंग शीट, एक्टिविटी बुक, स्टीकर और विभिन्न तरह का क्रिएटिव सामान तैयार किए. जिसे एक किट के रूप में एक कागज के बैग में पैक कर SMS अस्पताल तक पहुंचाया गया.
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बच्चों को दिए पत्र और थैंक्सगिविंग सर्टिफिकेट
रितेश ने बताया कि बच्चों को जो एक्टिव टिकट दिया गया है वह पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल है. बच्चे उसका एक बार प्रयोग करेंगे और फिर उसे नष्ट कर दिया जाएगा. किट में बच्चों को एक एक्टिविटी शीट दी गई है. जिसमें उन्हें अपनी अच्छी यादें लिखने, अपने माता-पिता, स्कूल टीचर और दोस्तों को पत्र लिखने को कहा गया है.
इसके साथ ही उन्हें थैंक्सगिविंग सर्टिफिकेट भी दिए गए हैं. जिसमें बच्चे जिस किसी को भी धन्यवाद ज्ञापित करना चाहें, चाहे वह चिकित्सक हों, नर्सिंग स्टाफ हों, पुलिसकर्मी हों उनके प्रति अपना आभार व्यक्त कर सकते हैं. रितेश ने यह भी बताया कि इन सर्टिफिकेट की फोटो क्लिक करके अस्पताल प्रशासन से मंगवाई जाएगी और फिर उन्हें फ्रेम करके उन लोगों तक पहुंचाया जाएगा, जिन्हें बच्चों ने धन्यवाद ज्ञापित किया गया है.
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किट पाकर खिले बच्चों के चेहरे
मित्र फाउंडेशन के रितेश शर्मा बताते हैं कि SMS कोरोना चाइल्ड वार्ड में भर्ती तकरीबन 35 बच्चों के लिए उन्होंने एक्टिविटी किट अस्पताल भिजवाए हैं. किट मिलने के बाद बच्चों के चेहरे खिल उठे और वो काफी खुश दिखाई दिए. जिसके बाद बच्चों ने विभिन्न एक्टिविटी को करना शुरू कर दिया.
कुछ बच्चे ड्राइंग बुक में कलर करते हुए नजर आए, तो कुछ एक्टिविटी बुक में अपने माता-पिता, स्कूल टीचर और मित्रों को पत्र लिखते हुए नजर आए. रितेश शर्मा ने बताया कि SMS अस्पताल के बाद अब कुछ अन्य अस्पतालों से भी उनके पास इस तरह की एक्टिविटी किट की डिमांड आई है और अब अन्य अस्पतालों में भी बच्चों तक यह एक्टिविटी किट पहुंचाई जाएगी.