देश की GDP बेहद कमजोर, इस समय लॉकडाउन संभव नहीं: रघु शर्मा - सीएम गहलोत की वीसी
प्रदेश में तेजी से कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तर पर लगातार राज्य स्तरीय समीक्षा की जा रही है. बुधवार को भी सीएम गहलोत ने वीसी के जरिए कोरोना को लेकर प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर, सीएमएचओ और पीएमओ के साथ राज्य स्तरीय बैठक की, जिसमें कोविड-19 की रोकथाम को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए.
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जयपुर. कोरोना के मामले में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए गहलोत सरकार लगातार अलर्ट मोड पर बनी हुई है. इसको लेकर सीएम गहलोत ने वीसी के जरिए सभी जिला कलेक्टरों, सीएमएचओ और पीएमओ के साथ बैठक की.
वहीं चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने मीडिया से रू-ब-रू होते हुए कहा कि, कोविड सेन्टर्स पर सीसीटीवी की संख्या बढ़ाई जाएगी और कोरोना हेल्प डेस्क सुनिश्चित होगी. जहां-जहां कोरोना केसेस की संख्या बढ़ रही है, वहां नियंत्रण की सबसे ज्यादा तैयारी की गई है. वहीं राज्य सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है. साथ ही उन्होंने कहा कि, आरयूएचएस में 4 गुना शैय्याओं को हाईफ्लो ऑक्सीजन से युक्त किया जाएगा और 100 बेड का कोविड सेंटर भी बनाया जाएगा. साथ ही निम्स मेडिकल कॉलेज में 25 ऑक्सीजन युक्त बेड और 75 कोविड केयर बेड विकसित किए जा रहे हैं. इसके अलावा सरकारी और निजी अस्पतालों को भी जरूरत देखते हुए अधिकृत किया जा सकता है.
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, राज्य में अब आईसीएमआर से दो और जिलों को प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की परमिशन मिली है, जिसके बाद अजमेर और भीलवाड़ा में अब प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत होगी. राज्य सरकार की सबसे बड़ी कोशिश है कि अन्य जिलों से मरीज रेफर न किए जाएं, बल्कि उसी जिले में उन्हें बेहतर इलाज मिले. राज्य में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर जो मजबूत हुआ है, उसका उपयोग करने की सरकार की कोशिश रहेगी. जो मरीज कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हुए हैं, लेकिन अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं, उनके लिए SMS अस्पताल में 40 बेड का वार्ड बनाया गया है.
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वहीं राज्य के प्रशासनिक अमले को भी आम आदमी को जागरूक करने के लिए निर्देश भी दिए हैं. राज्य में 92 बिना लक्षण वाले मरीज हैं, ऐसे में रैंडम सैंपलिंग करने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार की सबसे बड़ी कोशिश यही है कि कोरोना महामारी में प्रदेश के लोग भविष्य में भी सुरक्षित रहें. वहीं लॉकडाउन को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि, देश की जीडीपी बेहद कमजोर है, इस समय लॉकडाउन संभव नहीं है. जबकि आर्थिक क्षेत्र में देश के हालात भयावह हैं. ऐसे में भारत सरकार को व्हाइट पेपर जारी करना चाहिए.