जयपुर. राजस्थान के अलवर और दौसा में किसानों की जमीन नीलाम होने को लेकर जमकर राजनीति चल रही है. भाजपा के सवाल खड़े करते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए नीलामी रोकने के आदेश दे दिए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र पर भी सवाल खड़े करते हुए यह कह दिया है कि विधानसभा से 5 एकड़ तक जमीन वाले किसानों की जमीन नीलाम नहीं करने का विधेयक विधानसभा से पास हो गया लेकिन वह अभी राज्यपाल के पास अटका हुआ है. इसके चलते कानून नहीं बन सका जिसका उन्हें दुख है.
इस मामले में अब खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी भाजपा पर (Khachariyawas target BJP) पलटवार किया है. खाचरियावास ने कहा कि चाहे राज्यपाल हो, प्रधानमंत्री हो या मुख्यमंत्री वह भले ही किसी भी पॉलीटिकल पार्टी के बैकग्राउंड से आए हों लेकिन वह किसी पार्टी से जुड़े हुए नहीं होते. सरकार की जिम्मेदारी होती है कि पब्लिक वेलफेयर के बिल नहीं रुके, गवर्नर भाजपा बैकग्राउंड से आए हैं. लेकिन राजप्रमुख कभी भी भाजपा या कांग्रेस का नहीं होता. मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री भी कभी बीजेपी या कांग्रेस में नहीं बंट सकते. पार्टी का एजेंडा भी हम लोग संविधान के जरिए ही लागू कर सकते हैं.
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राजस्थान में जो कानून मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लेकर आए वह पब्लिक वेलफेयर का कानून था. जिसमें 5 एकड़ तक की जमीन किसान कि नीलाम नहीं हो सकती थी. मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि विधानसभा से एक्ट पास हो गया और गवर्नर के पास परमिशन के लिए गया. अगर गवर्नर परमिशन दे देते तो वह कानून लागू हो जाता और आज किसानों की जमीन नीलाम नहीं होती.
अगर कोई मुख्यमंत्री और राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है तो केंद्र सरकार और गवर्नर की जिम्मेदारी है कि वह उसे सहयोग करें. अगर राजस्थान में 5 एकड़ का कानून लागू हो जाएगा तो प्रधानमंत्री को भी यह कानून पूरे देश में लागू करना पड़ेगा और किसान का भला होगा. ऐसे में भाजपा के लोग बातें कम करें और काम करके दिखाएं.