जयपुर. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में होने वाली जनसुनवाई में मंगलवार को एक अनोखा नजारा देखने को मिला था, जब गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा फरियादी बनकर पहुंचे. मीणा ने जयपुर पुलिस के बह्मपुरी थाने के एसएचओ पर एक मर्डर की एक रिपोर्ट नहीं लिखने का आरोप लगाया. एसएचओ पर मंत्री की शिकायत का असर रहा और बुधवार को उसे सस्पेंड कर दिया गया.
मंत्री दरबार में मंगलवार को जनसुनवाई में फरियादी के तौर पर पहुंचे उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा खुद बुधवार को जनसुनवाई करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा, कि जनसुनवाई में मंत्री, विधायक, सांसद या फिर आम आदमी हो हर कोई अपनी फरियाद लेकर आ सकता है. उन्होंने कहा, कि मैं मंत्री बाद में बना हूं, पहले विधायक हूं. अगर विधायक नहीं बनता तो मुझे मंत्री कौन बनाता.
पढ़ें- Minister साहब की ऐसी मजबूरी...खुद ही मंत्री के दरबार में फरियाद लेकर पहुंच गए
परसादी लाल मीणा ने कहा, कि वह विधायक के अपने कर्तव्य को निभाते हुए विधानसभा क्षेत्र के सबसे गरीब आदमी की बेटी के मर्डर के मामले में एसएचओ की रिपोर्ट नहीं लिखने की शिकायत लेकर आए थे. उन्होंने कहा, कि निश्चित तौर पर यह बड़ा मामला था और मामले में गरीब व्यक्ति का मर्डर हुआ हो और एसएचओ रिपोर्ट नहीं लिखे तो यह गंभीर मामला हो जाता है.
इस दौरान उन्होंने इस मामले में पुलिस के आला अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए. मीणा ने कहा, कि जब एसएचओ ने रिपोर्ट नहीं लिखी तो उन्होंने डीसीपी से बात भी की. लेकिन उसके बाद भी जब एसएचओ गायब हो गया तो रिपोर्ट नहीं लिखी जा सकी. इस मामले में डीसीपी की भी लापरवाही रही. मंत्री ने कहा, कि सरकार की विश्वसनीयता भी तभी होगी, जब गरीबों को न्याय मिलेगा.