जयपुर. पैरों से पूरी तरह से अपंग होने के चलते व्हील चैयर का सहारा लेकर अपने सम्मान की आस में कार्यक्रम में पहुंचे दिव्यांगजनों के अपमान का सामना करना पड़ा. अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के मौके पर कुछ दिव्यांगजन अपनी बात लेकर मंत्री महोदय तक पहुंचे थे. लेकिन उनकी बात पर मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल भड़क गए.
हालांकि मंत्री मास्टर भंवरलाल ने दिव्यांगों के सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें की और अपना भाषण पूरा किया. लेकिन हकीकत तब बदली बदली नजर आई जब दिव्यांगजनों ने एक बयान याद दिलाते हुए माफी मांगने को कहा.
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आखिर क्यों भडके मंत्री, हम बताते हैं
दरअसल पिछले साल दिव्यांगजन दिवस के मौके पर कार्यक्रम में मंत्री मेघवाल ने ये कहा था कि पंचायतीराज और निकाय चुनाव में दिव्यांगजनों को आरक्षण की कोई जरूरत नहीं है. जिसके बाद एक साल बाद दिव्यांगजन कार्यक्रम में पहुंचे और मंत्री के इस बयान पर माफी मांगने की बात कही और चुनाव में आरक्षण, पेंशन बढाने की मांग की.
लेकिन दिव्यांगों की ये बात मंत्री को अखर गई और नाराजगी दिखाते हुए उन्होंने दिव्यांगजनों को कार्यक्रम से बाहर निकालने की चेतावनी दे डाली. हालांकि बाद में मंत्री ने इस बात पर सफाई देते हुए कहा ये मेरे स्तर का मामला नहीं है. सीएम स्तर का मामला है.
विकलांग जनक्रांति मंच के अध्यक्ष सत्य सिंह ने बताया कि बात सिर्फ माफी की थी. मंत्री ने पिछले साल जो बयान दिया था, हम चाहते थे कि वे इस पर माफी मांगे.
ट्राइसाइकिलों की निकली 'हवा'
वहीं, कार्यक्रम के बाद दिव्यांगजनों को ट्राईकिलों का वितरण भी किया गया. लेकिन उनके टायरों में हवा तक नहीं थी. ऐसे में विशेष योग्यजन विभाग की ओर से बांटी गई ट्राईसाईकिल भी दिव्यांगजनों के लिए बोझ बन गई.