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महिलाओं की शादी की उम्र को लेकर मंत्री ममता भूपेश ने कही ये बात...

महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने महिलाओं की शादी की उम्र को लेकर कहा कि इस पर विचार करने का अधिकार केंद्र सरकार को है. विवाह का असर शिक्षा पर आमतौर पर देखने को नहीं मिलता. लेकिन फिर भी सरकार इस मामले को लेकर कोई फैसला लेती है, तो यह फैसला महिलाओं के हित मे ही होगा.

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महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश
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Published : Sep 15, 2020, 7:58 PM IST

जयपुर. कानूनी तौर पर देश में महिलाओं की शादी की उम्र 18 वर्ष तय की गई है. लेकिन अब समाज का एक वर्ग इस उम्र को बढ़ाने की मांग कर रहा है. ताकि शादी से पूर्व महिलाएं पूर्ण रूप से परिपक्व हो सके और उन्हें पूर्ण शिक्षा हासिल करने का भी मौका मिल सके. हाल ही में इसे लेकर केंद्र सरकार ने एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है, जो महिलाओं की शादी की उम्र 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने पर विचार कर रहा है.

महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश

इसी बीच टीवी भारत ने प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश से भी जानना चाहा कि आखिर सरकार का यह फैसला कितना सही है. उन्होंने इस मामले पर किसी भी तरह से टिप्पणी करने से मना कर दिया. हालांकि, उन्होंने निजी मत देते हुए कहा कि महिलाओं की शादी की उम्र से जुड़े मामले पर विचार करने का अधिकार केंद्र को है.

पढ़ें- Special : लड़कियों की शादी की सही उम्र 18 या 21?, क्या है महिलाओं की राय..

ऐसे में मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि यदि 18 वर्ष की उम्र में भी महिला की शादी होती है और यदि शादी के बाद उसके परिजन चाहे तो उसे आगे की शिक्षा दिला सकते हैं. मंत्री ममता भूपेश का मानना है कि विवाह का असर शिक्षा पर आमतौर पर देखने को नहीं मिलता. लेकिन फिर भी सरकार इस मामले को लेकर कोई फैसला लेती है, तो यह फैसला महिलाओं के हित मे ही होगा.

पढ़ें- लड़कियों की शादी की उम्र की जगह शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत

शादी की उम्र की समीक्षा

केंद्र सरकार ने हाल ही में महिलाओं की शादी की उम्र 21 वर्ष करने को लेकर एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है. सरकार ने इस टास्क फोर्स से कहा है कि वह महिलाओं की शादी की उम्र और इससे जुड़ी शिक्षा को लेकर समीक्षा करें और इस की एक रिपोर्ट सरकार को पेश करें, ताकि इस पर समीक्षा की जा सके.

जयपुर. कानूनी तौर पर देश में महिलाओं की शादी की उम्र 18 वर्ष तय की गई है. लेकिन अब समाज का एक वर्ग इस उम्र को बढ़ाने की मांग कर रहा है. ताकि शादी से पूर्व महिलाएं पूर्ण रूप से परिपक्व हो सके और उन्हें पूर्ण शिक्षा हासिल करने का भी मौका मिल सके. हाल ही में इसे लेकर केंद्र सरकार ने एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है, जो महिलाओं की शादी की उम्र 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने पर विचार कर रहा है.

महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश

इसी बीच टीवी भारत ने प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश से भी जानना चाहा कि आखिर सरकार का यह फैसला कितना सही है. उन्होंने इस मामले पर किसी भी तरह से टिप्पणी करने से मना कर दिया. हालांकि, उन्होंने निजी मत देते हुए कहा कि महिलाओं की शादी की उम्र से जुड़े मामले पर विचार करने का अधिकार केंद्र को है.

पढ़ें- Special : लड़कियों की शादी की सही उम्र 18 या 21?, क्या है महिलाओं की राय..

ऐसे में मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि यदि 18 वर्ष की उम्र में भी महिला की शादी होती है और यदि शादी के बाद उसके परिजन चाहे तो उसे आगे की शिक्षा दिला सकते हैं. मंत्री ममता भूपेश का मानना है कि विवाह का असर शिक्षा पर आमतौर पर देखने को नहीं मिलता. लेकिन फिर भी सरकार इस मामले को लेकर कोई फैसला लेती है, तो यह फैसला महिलाओं के हित मे ही होगा.

पढ़ें- लड़कियों की शादी की उम्र की जगह शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत

शादी की उम्र की समीक्षा

केंद्र सरकार ने हाल ही में महिलाओं की शादी की उम्र 21 वर्ष करने को लेकर एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है. सरकार ने इस टास्क फोर्स से कहा है कि वह महिलाओं की शादी की उम्र और इससे जुड़ी शिक्षा को लेकर समीक्षा करें और इस की एक रिपोर्ट सरकार को पेश करें, ताकि इस पर समीक्षा की जा सके.

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