जयपुर: पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर गुरुवार को एनएसयूआई ने एक कैंपेन की शुरुआत की. रिच टू ड्रीम नाम से शुरू होने वाले इस कैंपेन के ब्रॉशर का विमोचन खेल और युवा मामलात मंत्री अशोक चांदना ने किया. इस कैंपेन के तहत एनएसयूआई छात्र और युवाओं के सपने पूरा करने में उनकी मदद करेगी.
कैंपेन की शुरुआत करते हुए मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि आज एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती है. अब्दुल कलाम को पक्ष और विपक्ष ने मिलकर राष्ट्रपति चुना था. वह हमेशा ही युवाओं को मोटिवेट करते रहे हैं. अपने आखिरी उद्बोधन में कलाम ने यही प्रश्न किया था कि हाउ टू क्रिएट ए लिवेबल प्लेनेट अर्थ (how to create a livable planet earth) इसी को बेस मानते हुए एनएसयूआई इस कैंपेन की शुरुआत कर रही है कि किस तरह से युवाओं के सपने पूरे हों.
अशोक चांदना ने बताया कि सर्वे के मुताबिक 100 में से 92% युवा अपने सपने की ओर बढ़ ही नहीं पाते. 8 फीसदी युवा ही अपने सपने को पूरा करने की कोशिश करते हैं. जिसमें से भी दो फीसदी युवाओं के ही सपने पूरे होते हैं. इस तरह से 98 फीसदी युवा अपने सपने साकार नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें रास्ता दिखाने वाला कोई नहीं है. एनएसयूआई ने ऐसे युवाओं को रास्ता दिखाने का काम शुरू किया है और इस काम को निरंतर करने की जरूरत है.
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एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की प्रेरणा से इस कैंपेन की शुरुआत की जा रही है. युवा अपने शैक्षणिक जीवन में कई सपने देखते हैं लेकिन जानकारी के अभाव, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारणों से वह अपने सपने अधूरे ही छोड़ देते हैं. अब एनएसयूआई ऐसे छात्रों युवाओं के सपने पूरा करने में उनकी मदद करेगी. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि 2020 की दुनिया कुछ अलग दुनिया होगी और इस अलग दुनिया में मानव जाति को वसुदेव कुटुंबकम के अनुसार रहना होगा, ताकि इंसानों के रहने लायक और सद्भाव की दुनिया बन सके.