जयपुर. प्रदेश में बंशी पहाड़पुर की दो माइंस में खनन कार्य शुरू होने के साथ ही सोमवार दोपहर में 50 टन से अधिक के सैंड स्टोन के परिवहन के साथ दो वाहनों के रवन्ना भी जारी हो गए (first consignment of sand stone departs for Ram Mandir) हैं. राज्य सरकार ने बंशी पहाड़पुर में 41 प्लॉट तैयार कर भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से ई-नीलामी के बाद पहले कलस्टर क्लीयरेंस प्राप्त की गई. इससे राम मंदिर के लिए गुलाबी पत्थरों को लेकर चिंता खत्म हो गई है.
पिछले दिनों 41 मंशाधारकों में से 12 मंशाधारकों को एसईआईएए द्वारा पर्यावरणीय क्लीयरेंस जारी की गई. पर्यावरणीय क्लीयरेंस की कार्रवाई जारी है और 17 मंशापत्रधारकों की पर्यावरणीय क्लीयरेंस के लिए एसईएसी में 18 जून को सुनवाई है. बाकी बचे मंशाधारकों को भी जल्दी ही एंवायरमेंट क्लीयरेंस मिल जाने की संभावना है. गौरतलब है कि बंशी पहाड़पुर में 242 हैक्टेयर क्षेत्र में 41 प्लॉट तैयार का ई-नीलामी की कार्रवाई की गई. बंशी पहाड़पुर में वैध खनन कार्य आरंभ कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती भरा काम था. लेकिन राज्य का प्रभावी तरीके से पक्ष रखने का परिणाम रहा कि पहले केन्द्र सरकार से वन भूमि का डायवर्जन कराया गया और उसके बाद प्लॉटों को तैयार कर ऑक्शन की प्रक्रिया पूरी की गई.
बंशी पहाड़पुर खनन क्षेत्र ब्लॉक ए व बी सुखासिला एवं कोट क्षेत्र को बंध बारेठा वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र के बाहर करवाया गया और उसके बाद केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भरतपुर के बंशी पहाड़पुर में सेंड स्टोन के खनन के लिए वन भूमि के डायवर्जन की स्वीकृति जारी कराई गई. भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही राज्य के माइंस विभाग ने बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लॉक तैयार कर इनके ऑक्शन की तैयारी आरंभ की.