जयपुर. राजधानी के गोपालन भवन में राजस्थान गौ सेवा आयोग का पदभार ग्रहण समारोह आयोजित किया गया. मेवाराम जैन ने गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया, तो वही सुमेर सिंह राजपुरोहित ने उपाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया. गोपालन भवन में विधिवत पूजा अर्चना के साथ पदभार ग्रहण किया गया. इस दौरान गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया समेत सरकार के कई मंत्री और विधायक मौजूद रहे.
गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन ने बताया कि गायों को बचाने के लिए बेहतर कार्य किए जाएंगे. सड़कों पर घूमते आवारा गायों को भी गौशाला में पहुंचाकर उनको बचाया जाएगा. पंचायत समिति स्तर पर निदेशालय खोलने की घोषणा हो चुकी है. प्रदेश के सभी गौशालाओं में सुधार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने जो जिम्मेदारी सौंपी है उसे ईमानदारी के साथ किया जाएगा. गायों की सेवा पर जोर दिया जाएगा और उन्हे बचाने का प्रयास करेंगे.
गोपालन एवं खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि गोवंश संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री शुरू से ही अग्रणीय रहे हैं. मार्च 2019 में पहली बार गोरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया था. राजस्थान की हजारों गौशालाओं से जुड़े प्रतिनिधियों ने सुरक्षा सम्मेलन में भाग लिया था. मुख्यमंत्री ने गायों के लिए अनुदान बढ़ाया है, अनुदान की प्रक्रिया को भी सरल किया गया है. पहले 200 पशु होने के बाद ही अनुदान का प्रोविजन था और गौशाला चालू होने के 2 साल बाद अनुदान मिलने का प्रोविजन था. इस प्रक्रिया में शिथिलता प्रदान करते हुए 200 पशु की जगह 100 पशु और 2 साल की जगह 1 साल किया गया है.
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राजस्थान देश में पहला राज्य है, जहां पर नंदी गौशाला योजना लागू की गई. इस योजना के दिन राजस्थान के हर पंचायत समिति स्तर पर नंदी गौशालाएं बनेगी. हनुमानगढ़ में दो पंचायत समिति स्तर पर नंदी गौशाला ओ का एग्रीमेंट हो चुका है. कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर नहीं है. मुख्यमंत्री के निर्देशन में गोपालन विभाग के माध्यम से गौ सेवा संवर्धन का कार्य करेंगे. गौ सेवा के लिए सबसे अच्छा कार्य करने वाला राजस्थान देश में पहला होगा.
गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष सुमेर सिंह राजपुरोहित ने बताया कि मुख्यमंत्री ने छोटे से कार्यकर्ता को अहम जिम्मेदारी सौंपी है. गोपालन मंत्री और गौ सेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे. जो जिम्मेदारी दी गई है उसका कर्तव्य पूर्ण निर्वहन करेंगे.