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मेरा प्रमाण पत्र मेरा सम्मान : चिकित्सा विभाग की नई पहल, थैलेसीमिया और हीमोफीलिया मरीजों को जारी होंगे दिव्यांग प्रमाण पत्र

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने थैलीसीमिया और हीमोफीलिया रोगियों को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी (Disability certificate to Thalassemia and Haemophilia patients) करने के लिए अनूठी पहल की है. अब संभाग स्तर पर मेडिकल कॉलेज में जांच के बाद यह प्रमाण पत्र दिए जाएंगे. इसके लिए ई-मित्र से ऑनलाइन आवेदन किए जाएंगे.

राजस्थान चिकित्सा विभाग
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Published : Feb 1, 2022, 10:29 PM IST

जयपुर. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने प्रदेश के हीमोफीलिया और थैलेसीमिया रोगियों को दिव्यांग प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाने के लिए 'मेरा प्रमाण पत्र-मेरा सम्मान' (Mera Pramaan Patra Mera Sammaan) नवाचार करने के निर्देश दिए हैं.

3 हजार में से सिर्फ 850 रोगियों के पास दिव्यांग प्रमाण पत्रः चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 3 हजार से ज्यादा थैलेसीमिया रोगी हैं. जिनमें से केवल 850 रोगियों को ही दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी हुए हैं. इसी तरह हीमोफीलिया के 1 हजार मरीजों की तुलना में 400 रोगियों को ही प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि दोनों बीमारियों से पीड़ितों को जल्द से जल्द प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के लिए यह अनूठा प्रयोग किया जा रहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया सभी मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षकों को 10 फरवरी तक दोनों बीमारियों के मरीजों को प्रमाण पत्र दिलाने के निर्देश दिए जा चुके हैं.

यह भी पढ़ें- Rajasthan High Court: नर्स भर्ती में मेरिट के अनुसार पदस्थापन नहीं करने पर मांगा जवाब

ई-मित्र के जरिए भी कर सकते हैं आवेदन : डॉ सोनी ने कहा कि हर गुरुवार को संभाग स्तरीय मेडिकल कॉलेज पर विशेष रूप से थैलेसीमिया और हीमोफीलिया मरीजों की जांच कर पात्र व्यक्ति के लिए प्रमाण पत्र की जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति ई-मित्र के जरिए भी आवेदन कर सकता है. ई-मित्र के जरिए किया गया आवेदन बीसीएमओ, पीएमओ के पास जाएगा. वहां से आवेदन होगा और जांच के बाद प्रमाण पत्र कर दिया जाएगा.

जयपुर. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने प्रदेश के हीमोफीलिया और थैलेसीमिया रोगियों को दिव्यांग प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाने के लिए 'मेरा प्रमाण पत्र-मेरा सम्मान' (Mera Pramaan Patra Mera Sammaan) नवाचार करने के निर्देश दिए हैं.

3 हजार में से सिर्फ 850 रोगियों के पास दिव्यांग प्रमाण पत्रः चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 3 हजार से ज्यादा थैलेसीमिया रोगी हैं. जिनमें से केवल 850 रोगियों को ही दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी हुए हैं. इसी तरह हीमोफीलिया के 1 हजार मरीजों की तुलना में 400 रोगियों को ही प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि दोनों बीमारियों से पीड़ितों को जल्द से जल्द प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के लिए यह अनूठा प्रयोग किया जा रहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया सभी मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षकों को 10 फरवरी तक दोनों बीमारियों के मरीजों को प्रमाण पत्र दिलाने के निर्देश दिए जा चुके हैं.

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ई-मित्र के जरिए भी कर सकते हैं आवेदन : डॉ सोनी ने कहा कि हर गुरुवार को संभाग स्तरीय मेडिकल कॉलेज पर विशेष रूप से थैलेसीमिया और हीमोफीलिया मरीजों की जांच कर पात्र व्यक्ति के लिए प्रमाण पत्र की जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति ई-मित्र के जरिए भी आवेदन कर सकता है. ई-मित्र के जरिए किया गया आवेदन बीसीएमओ, पीएमओ के पास जाएगा. वहां से आवेदन होगा और जांच के बाद प्रमाण पत्र कर दिया जाएगा.

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