जयपुर. अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में मेंस्ट्रुअल लीव के मुद्दे पर हुए विवाद पर (Menstrual Leave Controversy) अब भाजपा के विधायक घिरते नजर आ रहे हैं. इस मामले में अब राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती ने इसे उन पुरुष विधायकों की विकृत मानसिकता बताया है.
रेहाना रियाज ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के कुछ पुरुष सदस्यों द्वारा मासिक धर्म को लेकर जिस तरीके की भाषा का प्रयोग किया गया है, यह बहुत अपमानजनक है. रेहाना रियाज ने कहा यह सृष्टि का नियम है और मासिक धर्म के बिना सवाल उठाने वाले पुरुषों का जन्म भी संभव नहीं होता. मासिक धर्म को अशुद्ध या घृणित कहना उन पुरुष विधायकों की मानसिकता को दर्शाता है.
इस तरह की आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग (Rehana Rayaz Chisti Menstrual Cycle) किसी को नहीं करना चाहिए. यह सृष्टि का नियम है और सृष्टि के संचालन के लिए यह जरूरी भी है. पुरुष विधायकों की इस तरीके की भाषा शैली को महिला या सभ्य समाज कभी अच्छा नहीं मान सकते.
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आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के कई सदस्यों ने महिलाओं के लिए मासिक धर्म की छुट्टी (menstrual leave to women) मुद्दे पर सदन में चर्चा करने से इनकार कर दिया. इन विधायकों ने इसे लिट्रा यानी गंदी चीज बताते हुए टिप्पणी भी की.
भाजपा राष्ट्रीय मंत्री ने कही यह बात : अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में मेंस्ट्रुअल लीव के मुद्दे पर भले ही विधायकों ने इसे गंदा बताते हुए चर्चा से इंकार कर दिया हो, लेकिन भाजपा महिला नेत्री और पार्टी की राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर की सोच इससे अलग है. अलका सिंह के अनुसार वीमन हाइजीन से जुड़ा विषय काफी बड़ा है और इस पर समाज में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है.
हालांकि, गुर्जर ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में रखा गया यह प्राइवेट पर उनकी जानकारी में नहीं है, लेकिन विमान हाइजीन के बारे में समाज मेx जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है. उनके अनुसार बहुत सी अवधारणा इस विषय पर बनी है, लेकिन इस विषय को गंदी बात कहकर इस पर चर्चा नहीं करना आज के समाज के लिए ठीक है. भाजप राष्ट्रीय मंत्री ने कहा कि इन सभी विषयों पर चर्चा होनी चाहिए, ताकि समाज में जागरूकता फैले और जनप्रतिनिधि की भी जिम्मेदारी है कि समाज स्वच्छ रहे स्वस्थ रहे और निरंतर सभी विषयों को संज्ञान में लेकर हाउस में चर्चा करें.
दरअसल, अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में यह विवाद तब शुरू हुआ जब पासीघाट वेस्ट की कांग्रेस सदस्य निनांग एरिंग (Ninong Ering) ने एक प्राइवेट मेंबर ने बिल रखा. इस बिल में काम करने वाली महिलाओं के लिए मेंस्ट्रुअल लीव की मांग की गई थी. इस बिल में यह प्रस्ताव रखा गया था कि मासिक धर्म शुरू होने के पहले दिन वर्किंग महिलाओं और लड़कियों को छुट्टी जरूर दी जाए.