जयपुर. रेलवे की ओर से 31 अगस्त को जोनल रेल उपयोगकर्ता परामर्श दात्री समिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक आयोजित की जाएगी, लेकिन पहले रेलवे तो अब समिति के सदस्य भी इस बैठक में खास रुचि नहीं दिखा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि समिति के महज 15-20 सदस्यों ने ही रेलवे को सुझाव और मांग भेजी हैं. जबकि इस समिति में कुल 58 सदस्य हैं, जिनमें से 32 सदस्य रेल मंत्री की ओर से नामित है और एक सदस्य संबंधित जोनल रेलवे के महाप्रबंधक की ओर से नामित है. अन्य सभी सदस्य अलग-अलग व्यवसायिक और गैर व्यवसायिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि हैं.
राजस्थान के लिए बनी इस कमेटी के अधिकांश नामित सदस्य भाजपा पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन पहले रेलवे ने 6 माह तक बैठक आयोजित नहीं की तो अब समिति के कार्यकाल के आखिरी दिन बैठक आयोजित होने के कारण सदस्य भी इस बैठक के अंतर्गत कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
बता दें कि ईटीवी भारत की ओर से बैठक नहीं होने को लेकर खबर भी प्रकाशित की गई थी. जिसके बाद उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश की ओर से इस पर संज्ञान लेते हुए 31 अगस्त को बैठक होने के दिशा-निर्देश भी जारी किए थे, लेकिन अब बैठक के सदस्य ही इसके अंतर्गत अपनी रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
बैठक में कम लोगों के शामिल होने की उम्मीद
समिति के सदस्य अपने अपने क्षेत्र की रेलवे से जुड़ी समस्या और वांछित सुविधाओं के बारे में रेलवे के महाप्रबंधक को अवगत कराते हैं. जिस पर विचार विमर्श किया जाता है, लेकिन इस बार समिति का कार्यकाल पूरा होने के कारण महज 25 से 30 सदस्यों के ही बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ने की उम्मीद है. गौरतलब है कि अधिकांश सदस्य सिर्फ पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने के लिए ही समिति में शामिल होते हैं.
पढ़ें- जयपुरः आमेर इलाके में चोरों ने सूने मकान को बनाया निशाना
समिति के सदस्य बनने के लिए भी जुगाड़ में लगे भाजपाई
केंद्र में भाजपा की सरकार होने के कारण इस बार भी समिति में भाजपा नेताओं का बोलबाला रहेगा. अभी से ही जयपुर सहित प्रदेश के कई जिलों से जुड़े भाजपा पदाधिकारी ने रेल मंत्री की यहां समिति में नियुक्त होने के लिए भागदौड़ भी शुरू कर दी. हालांकि वर्तमान सदस्यों में से भी करीब 35 फीसदी सदस्य पुनः नियुक्त किए जाएंगे.