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बोरवेल में जिंदगी की जंग : 70 घंटे से फंसी चेतना को निकालने के लिए उत्तराखंड टनल रेस्क्यू टीम को बुलाया - BOREWELL RESCUE OPERATION

खेलते हुए बोरवेल में गिरी तीन साल की मासूम चेतना का अभी तक रेस्क्यू नहीं हो पाया है.

BOREWELL RESCUE OPERATION
मासूम चेतना का अभी तक नहीं हो पाया रेस्क्यू (ETV BHARAT Kotputli)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 25, 2024, 10:28 PM IST

Updated : Dec 26, 2024, 10:47 AM IST

कोटपुतली-बहरोड : कोटपुतली के बड़ियाली गांव में पिछले 70 घंटे से बोरवेल में फंसी 3 साल की चेतना को रेस्क्यू करने को लेकर अब तक हर प्रयास विफल रहा है. बोरवेल में फंसी चेतना को निकालने के लिए उत्तराखंड टनल का रेस्क्यू करने वाली टीम को बुलाया गया है. प्रशासन बोरवेल में सीसीटीवी कैमरे के जरिए पल-पल की अपडेट ले रहा है. किरतपुरा की ढाणी बडियावाली में बोरवेल में गिरी मासूम चेतना की जिंदगी से जंग जारी है. बच्ची को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. तीन वर्षीय बालिका चेतना पिछले 70 घंटों से अभी भी बोरवेल में फंसी है. चेतना को बाहर निकालने के लिए अब 'रैट माइनर्स' की टीम को बुलाया गया है. रैट माइनर्स ने ही उत्तराखंड में टनल में फंसे मजदूरों को सुरंग खोदकर बाहर निकाला था. टीम के सदस्य कोटपूतली में घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें भी लगातार बच्ची को बाहर निकालने के प्रयास में जुटी है. जुगाड़ तंत्र के सहारे शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन कारगर साबित नहीं हुआ तो प्रशासन ने एस्कार्ट कर हरियाणा से पाइलिंग मशीन मंगवाई थी.

कोटपुतली उपखंड अधिकारी ब्रजेश चौधरी ने बताया कि क्षेत्र के बड़ियाली गांव में बोरवेल में गिरी बच्ची का रेस्क्यू किया जा रहा है. बच्ची को बचाने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि बच्ची के रेस्क्यू के लिए जिला प्रशासन की ओर से उत्तराखंड टनल का रेस्क्यू करने वाली रेट माइनर्स टीम को मौके पर बुलाया गया है. ताकि बच्ची को बाहर निकाला जा सके.

इसे भी पढ़ें - बोरवेल में फंसी चेतना को बचाने के लिए दो तकनीक फेल होने के बाद पाइलिंग मशीन पर टिकी निगाहें, खुदाई जारी - BOREWELL ACCIDENT

मौके पर लोगों की भीड़ : बुधवार सुबह पाइलिंग मशीन के जरिए बोरवेल के पास गड्ढा खोदने का काम शुरू किया गया था, लेकिन तीन घंटे के बाद ही खुदाई को रोक दिया गया. मौके पर लोगों की भीड़ मौजूद है. बता दें कि घर के बाहर खेलते समय तीन साल की मासूम चेतना का पैर फिसल गया था, जिससे वो बोरवेल में गिर गई थी. घटना की सूचना पर जयपुर से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें पहुंची. साथ ही देशी जुगाड़ के जरिए बच्ची का रेस्क्यू भी शुरू किया गया, लेकिन असफल रहे. सोमवार की दोपहर को चेतना खेलते वक्त बोरवेल में गिरी थी.

ये हैं रेस्क्यू टीम में शामिल : बोरवेल में फंसी चेतना को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू टीम में एनडीआरएफ के 25 और एसडीआरएफ के 15 जवान शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस विभाग से कोटपूतली एसपी, एएसपी, डीएसपी और तीन थानों के एसएचओ समेत 40 पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं. स्वास्थ्य विभाग से सीएमएचओ, बीसीएमएचओ, पीडियाट्रिशियन और एनेस्थीसिया के विभागाध्यक्ष और 19 नर्सिंग स्टाफ को भी मौके पर रखा गया है. जबकि फायर ब्रिगेड, जेसीबी और नगर परिषद के 25 कर्मचारी भी तैनात हैं.

कोटपुतली-बहरोड : कोटपुतली के बड़ियाली गांव में पिछले 70 घंटे से बोरवेल में फंसी 3 साल की चेतना को रेस्क्यू करने को लेकर अब तक हर प्रयास विफल रहा है. बोरवेल में फंसी चेतना को निकालने के लिए उत्तराखंड टनल का रेस्क्यू करने वाली टीम को बुलाया गया है. प्रशासन बोरवेल में सीसीटीवी कैमरे के जरिए पल-पल की अपडेट ले रहा है. किरतपुरा की ढाणी बडियावाली में बोरवेल में गिरी मासूम चेतना की जिंदगी से जंग जारी है. बच्ची को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. तीन वर्षीय बालिका चेतना पिछले 70 घंटों से अभी भी बोरवेल में फंसी है. चेतना को बाहर निकालने के लिए अब 'रैट माइनर्स' की टीम को बुलाया गया है. रैट माइनर्स ने ही उत्तराखंड में टनल में फंसे मजदूरों को सुरंग खोदकर बाहर निकाला था. टीम के सदस्य कोटपूतली में घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें भी लगातार बच्ची को बाहर निकालने के प्रयास में जुटी है. जुगाड़ तंत्र के सहारे शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन कारगर साबित नहीं हुआ तो प्रशासन ने एस्कार्ट कर हरियाणा से पाइलिंग मशीन मंगवाई थी.

कोटपुतली उपखंड अधिकारी ब्रजेश चौधरी ने बताया कि क्षेत्र के बड़ियाली गांव में बोरवेल में गिरी बच्ची का रेस्क्यू किया जा रहा है. बच्ची को बचाने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि बच्ची के रेस्क्यू के लिए जिला प्रशासन की ओर से उत्तराखंड टनल का रेस्क्यू करने वाली रेट माइनर्स टीम को मौके पर बुलाया गया है. ताकि बच्ची को बाहर निकाला जा सके.

इसे भी पढ़ें - बोरवेल में फंसी चेतना को बचाने के लिए दो तकनीक फेल होने के बाद पाइलिंग मशीन पर टिकी निगाहें, खुदाई जारी - BOREWELL ACCIDENT

मौके पर लोगों की भीड़ : बुधवार सुबह पाइलिंग मशीन के जरिए बोरवेल के पास गड्ढा खोदने का काम शुरू किया गया था, लेकिन तीन घंटे के बाद ही खुदाई को रोक दिया गया. मौके पर लोगों की भीड़ मौजूद है. बता दें कि घर के बाहर खेलते समय तीन साल की मासूम चेतना का पैर फिसल गया था, जिससे वो बोरवेल में गिर गई थी. घटना की सूचना पर जयपुर से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें पहुंची. साथ ही देशी जुगाड़ के जरिए बच्ची का रेस्क्यू भी शुरू किया गया, लेकिन असफल रहे. सोमवार की दोपहर को चेतना खेलते वक्त बोरवेल में गिरी थी.

ये हैं रेस्क्यू टीम में शामिल : बोरवेल में फंसी चेतना को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू टीम में एनडीआरएफ के 25 और एसडीआरएफ के 15 जवान शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस विभाग से कोटपूतली एसपी, एएसपी, डीएसपी और तीन थानों के एसएचओ समेत 40 पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं. स्वास्थ्य विभाग से सीएमएचओ, बीसीएमएचओ, पीडियाट्रिशियन और एनेस्थीसिया के विभागाध्यक्ष और 19 नर्सिंग स्टाफ को भी मौके पर रखा गया है. जबकि फायर ब्रिगेड, जेसीबी और नगर परिषद के 25 कर्मचारी भी तैनात हैं.

Last Updated : Dec 26, 2024, 10:47 AM IST
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