जयपुर. गणेश चतुर्थी से एक दिन (Ganesh Chaturthi 2022) पहले राजधानी के गणेश मंदिरों में सिंजारा महोत्सव मनाया गया. जयपुर के प्रमुख मोती डूंगरी गणेश मंदिर में 3100 किलो मेहंदी सोजत से मंगवाई गई. जिसे भगवान को अर्पित करने के बाद रात 8 बजे से भक्तों को (Mehndi offered to Lord Ganesha ) वितरित किया गया. इस दौरान भगवान श्री गणेश को विशेष रूप से बनाया गया पारंपरिक श्रृंगार धारण कराया गया.
भगवान को मोती, सोना, पन्ना, माणक जड़ा नौलखा हार धारण कराया गया. साथ ही भगवान को स्वर्ण मुकुट धारण कराया गया जोकि वर्ष में सिर्फ गणेश चतुर्थी पर ही भगवान को धारण कराया जाता है. इसके अलावा भगवान को चांदी के सिंहासन पर विराजमान कराया गया. इस दौरान भगवान के दर पर श्रद्धालुओं ने डोरा बांधने की प्रथा निभाते हुए मनौती मांगी.
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3100 किलो मेहंदी भगवान गणेश को अर्पितः गणेश चतुर्थी का पर्व बुधवार मनाया जाएगा. इससे पहले मंगलवार को मेहंदी पूजन और सिंजारा उत्सव मनाया गया. इसके लिए 3100 किलो मेहंदी सोजत से मंगवाई गई. इसे तीन कमरों में 15 से ज्यादा लोगों ने तैयार किया. इसके बाद शाम को भगवान गणेश को मेहंदी धारण करवाई गई. रात 8 बजे से इसे भक्तों को बांटना शुरू किया, जो देर रात तक जारी रहा. इस मेहंदी को लेने के लिए बड़ी संख्या में हजारों लोग मंदिर पहुंचे.
मेहंदी लगाने से सालभर में होता है विवाहः मान्यता है कि इस मेहंदी को लगाने से उन अविवाहित कन्या या युवक के विवाह हो जाते हैं. जिनका किसी न किसी कारण से विवाह संयोग नहीं बैठता. इस मेहंदी को लगाने के बाद युवक-युवती का एक वर्ष के अंदर विवाह हो जाता है. हर साल की तरह इस बार भी मेहंदी पाली जिले के सोजत से मंगवाई गई. मेहंदी घोलने के बाद इसे दोने में प्रसादी के तौर पर वितरित किया गया. इसके लिए 5 काउंटर भी बनाए गए.
उधर, जयपुर के प्रमुख नहर के गणेश मंदिर में भी मेहंदी पूजन किया गया और शाम को मोदक झांकी सजाई गई. इस दौरान भगवान गणेश को विशेष लहरिया पोशाक और साफा धारण कराया गया. सुबह की झांकी में भगवान श्री गणेश को स्वर्ण मंडित मुकुट और धोती धारण करवाई गई थी.