जयपुर. राजधानी जयपुर सहित प्रदेश में कोरोना का संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. दूसरी ओर संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए आने वाले दिनों में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी भी हो सकती है. जयपुर जिले में फिलहाल ऐसे हालात नहीं है.
इसी को लेकर जयपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में ऑक्सीजन के लिए जयपुर जिले के नोडल अधिकारी बनाए गए आईएएस अधिकारी रवि जैन की अध्यक्षता में बैठक हुई और ऑक्सीजन को लेकर माथापच्ची की गई.
जयपुर जिला प्रशासन की ओर से 11 ऑक्सीजन औद्योगिक इकाइयों का अधिग्रहण भी किया गया है. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में ऑक्सीजन औद्योगिक ईकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने ऑक्सीजन की किल्लत और उत्पादन बढ़ाने को लेकर माथापच्ची की.
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बैठक में जिला कलेक्टर जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम इकबाल खान सहित सभी अतिरिक्त जिला कलेक्टर और उपखंड अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में अस्पतालों में बैड व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए आईएएस अधिकारी गौरव गोयल भी मौजूद रहे.
औद्योगिक इकाइयों को दी जाने वाली ऑक्सीजन लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने नाराजगी जताई और इनको दिए गए सिलेंडरों को जब्त करने के निर्देश दिए. बैठक में अलग-अलग औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों से बात की गई उनसे उत्पादन क्षमता और सिलेंडर को लेकर स्थिति की जानकारी ली गई और उन्हें साफ निर्देश दिए गए कि एक भी सिलेंडर औद्योगिक इकाइयों के पास कमर्शियल उपयोग के लिए ना जाए.
बैठक में उपखंड अधिकारी, ड्रग कंट्रोलर को जिम्मेदारी दी गई कि ऑक्सीजन औद्योगिक इकाइयों से एक भी सिलेंडर इंडस्ट्रीज को न दिया जाए. उन्होंने राउंड दी क्लॉक निगरानी के निर्देश दिए. बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम इकबाल खान ने बताया कि वर्तमान में साढ़े सात हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की क्षमता जयपुर जिले के पास है.
जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि गुरुवार दोपहर से पहले इंडस्ट्रीज इकाइयों के पास गए सिलेंडर को जब किए जाएं. कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने ऑक्सीजन औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों को साफ निर्देश दिए कि आगामी आदेश तक प्राथमिकता के साथ पहले ऑक्सीजन उत्पादन पर ध्यान दें और क्षमता से ज्यादा ऑक्सीजन का उत्पादन करें.
नोडल अधिकारी आईएएस अधिकारी रवि जैन ने कहा कि जयपुर जिले में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर हुई बैठक में मेडिकल विभाग और ऑक्सीजन औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था. बैठक में इस बात को लेकर चर्चा की गई कि प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में किस तरह से निर्बाध रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकती है. जयपुर जिले में प्रतिदिन कितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता है और ऑक्सीजन औद्योगिक इकाइयां अधिकतम कितनी ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकती है, इसका आकलन किया जा रहा है. जामनगर और भिवाड़ी से कितना लिक्विड आ रहा है, इसको भी देखा जा रहा है. फिलहाल जयपुर जिले में ऑक्सीजन पर्याप्त है लेकिन जिस तरह से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उससे लगता है कि आने वाले समय में ऑक्सीजन को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
जैन ने कहा कि हर मरीज को बेड मिले, इसके भी निर्देश दिए गए है. जब बेड की संख्या बढ़ेगी तो ऑक्सीजन की खपत भी ज्यादा होगी. जैन ने उम्मीद जताई है कि ऑक्सीजन का उत्पादन इसी तरह से आगे बना रहेगा और उससे वितरण में भी समानता रखी जाएगी. इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जहां ऑक्सीजन की खपत ज्यादा ना हो वहां ऑक्सीजन को होल्ड कर नहीं रखा जाए.
रवि जैन ने कहा कि इंडस्ट्रीज को ऑक्सीजन देने से मना कर दिया गया है. ऑक्सीजन मेडिकल के लिए ही उपयोग में ली जाएगी. इंडस्ट्रीज के पास रखे सिलेंडरों को जब्त कर उसमे ऑक्सीजन भरकर मेडिकल के लिए उपयोग में लिय्या जाएगा.