जयपुर. राजस्थान मुस्लिम वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानू खान बुधवाली की अध्यक्षता में किराया सब समिति की बैठक हुई. बुधवाली जब से चेयरमैन बने हैं, उसके बाद से लगातार वक्फ बोर्ड के हक में अहम फैसले लेते आ रहे हैं. इस मीटिंग को भी ओपन मीटिंग नाम दिया गया. मीटिंग में किरायेदारों को भी बुलाया गया और उनसे उनकी परेशानी और समस्याओं के बारे में पूछा गया. वक्फ बोर्ड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब राजस्थान मुस्लिम वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानू खान बुधवाली, अधिकारियों और बोर्ड के मेंबर इस मीटिंग में शामिल हुए. इस दौरान सभी किरायेदारों को वक्फ बोर्ड के अनुसार ही किराया देने को कहा गया है.
बुधवाली ने कहा कि यदि वे वक्फ बोर्ड के अनुसार किराया नहीं दे सकते हैं तो वह अपनी दुकान हटा सकते हैं. खानू खान बुधवाली ने कहा कि वक्फ बोर्ड की जमीन का हमने किराया रिकवर किया है. ऐसी दुकानें भी थी जिनका लंबे समय से किराया नहीं आ रहा था. किरायेदार उस पर कब्जा कर के बैठे हुए था. किसी दुकान या जमीन की कीमत यदि डेढ़ करोड़ रुपये है तो उसका हमने किराया ढाई पर्सेंट तय किया है और उसे हम बढ़ा भी सकते हैं.
उसके अलावा यदि किसी दुकान का किराया 30 हजार तय किया जाता है, तो उसे 120 गुना किराया वक्फ बोर्ड के नियम के अनुसार देना होगा. वहीं किराएदार छत को भी उपयोग नहीं कर पायेगा और ना ही उसमें कोई तोड़ तोड़ कर सकेगा. बुधवाली ने कहा कि ऐसे कई किराएदार थे, जिन्होंने जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की. लेकिन वर्तमान में कई अच्छे किराएदार हमारे पास आ रहे हैं.
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अजमेर और झुंझुनू से भी किरायेदारों को बैठक में बुलाया गया था. बुधवाली ने कहा कि वक्फ बोर्ड के किसी भी अलॉटमेंट में बोर्ड का कोई पदाधिकारी या उनकापरिचित शामिल नहीं है. वक्फ बोर्ड पारदर्शी तरीके से काम कर रहा है. खानू खान बुधवाली ने कहा कि जो खाली जमीन है उस पर भी हम जेडीए और हाउसिंग बोर्ड की तरह पारदर्शी तरीके से बोली लगाकर किराए पर देंगे और उसी व्यक्ति को देंगे जो वक्फ बोर्ड के नियम और कायदों पर चलेगा.