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संविदा कर्मियों की समस्याओं के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी की बैठक रही बेनतीजा

संविदा कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर कैबिनेट सब कमेटी की बैठक बेनतीजा रही. कमेटी ने सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों की संख्या और नियुक्ति की जानकारी मांगी थी. लेकिन अब तक महज 18 विभागों ने ही जानकारी उपलब्ध कराई है.

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Published : Jun 3, 2019, 7:09 PM IST

कैबिनेट सब कमेटी की बैठक रही बेनतीजा

जयपुर. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के साथ ही संविदा कर्मचारियों की समस्याओं के निदान के लिए कैबिनेट सब कमेटी गठित की गई थी. कमेटी की जनवरी में हुई पहली बैठक में सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों की संख्या और नियुक्ति की जानकारी मांगी थी. सोमवार को एक बार फिर सचिवालय में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई. जिसमें शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और कमेटी की अगुवाई कर रहे ऊर्जा मंत्री बी डी कल्ला शामिल रहे. हालांकि कमेटी में जुड़े मंत्री ममता भूपेश और मंत्री अशोक चांदना बैठक में नहीं पहुंचे. बैठक के दौरान सब कमेटी की बैठक हर महीने किए जाने का फैसला लिया गया.

संविदा कर्मियों के लिए बनी कैबिनेट सब कमेटी की बैठक रही बेनतीजा, 18 विभागों से ही मिली कर्मचारियों की जानकारी

सब कमेटी की बैठक में महज 18 विभागों के संविदा कर्मचारियों की जानकारी मिलने के चलते कमेटी सोमवार को भी कोई फैसला नहीं ले पाई. बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री बी डी कल्ला ने कहा कि कोर्ट में लंबित मामलों की वस्तु स्थिति और सरकार के स्तर पर हुई कार्रवाई का ब्यौरा इकट्ठा किया जा रहा है. सभी विभागों के संविदा कर्मियों की सूची आने के बाद कानूनी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा.

इससे पहले संविदा कर्मचारियों ने सब कमेटी से जुड़े मंत्रियों के सामने अपनी मांग रखी. जहां एक और संविदा पर लगे करीब 2 हजार आयुष चिकित्सकों ने नियमितीकरण की मांग रखी. वहीं सचिवालय में लगे कंप्यूटर ऑपरेटर्स ने कहा कि सरकार उन्हें संविदा कर्मी मानने से ही इंकार कर रही है. जबकि चुनाव में ड्यूटी के दौरान उन्हें ठेका कर्मी नहीं बल्कि संविदा कर्मी के तौर पर लगाया जाता है.

जयपुर. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के साथ ही संविदा कर्मचारियों की समस्याओं के निदान के लिए कैबिनेट सब कमेटी गठित की गई थी. कमेटी की जनवरी में हुई पहली बैठक में सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों की संख्या और नियुक्ति की जानकारी मांगी थी. सोमवार को एक बार फिर सचिवालय में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई. जिसमें शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और कमेटी की अगुवाई कर रहे ऊर्जा मंत्री बी डी कल्ला शामिल रहे. हालांकि कमेटी में जुड़े मंत्री ममता भूपेश और मंत्री अशोक चांदना बैठक में नहीं पहुंचे. बैठक के दौरान सब कमेटी की बैठक हर महीने किए जाने का फैसला लिया गया.

संविदा कर्मियों के लिए बनी कैबिनेट सब कमेटी की बैठक रही बेनतीजा, 18 विभागों से ही मिली कर्मचारियों की जानकारी

सब कमेटी की बैठक में महज 18 विभागों के संविदा कर्मचारियों की जानकारी मिलने के चलते कमेटी सोमवार को भी कोई फैसला नहीं ले पाई. बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री बी डी कल्ला ने कहा कि कोर्ट में लंबित मामलों की वस्तु स्थिति और सरकार के स्तर पर हुई कार्रवाई का ब्यौरा इकट्ठा किया जा रहा है. सभी विभागों के संविदा कर्मियों की सूची आने के बाद कानूनी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा.

इससे पहले संविदा कर्मचारियों ने सब कमेटी से जुड़े मंत्रियों के सामने अपनी मांग रखी. जहां एक और संविदा पर लगे करीब 2 हजार आयुष चिकित्सकों ने नियमितीकरण की मांग रखी. वहीं सचिवालय में लगे कंप्यूटर ऑपरेटर्स ने कहा कि सरकार उन्हें संविदा कर्मी मानने से ही इंकार कर रही है. जबकि चुनाव में ड्यूटी के दौरान उन्हें ठेका कर्मी नहीं बल्कि संविदा कर्मी के तौर पर लगाया जाता है.

Intro:संविदा कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर कैबिनेट सब कमेटी की आज मीटिंग हुई। लेकिन ये भी बेनतीजा निकली। कमेटी ने सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों की संख्या और नियुक्ति तक की जानकारी मांगी थी। लेकिन महज 18 विभागों ने ये जानकारी उपलब्ध कराई। जिसके चलते एक बार फिर ये मसला अधर में लटक गया।


Body:प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के साथ ही संविदा कर्मचारियों की समस्याओं के निदान के लिए केबिनेट सब कमेटी गठित कर दी गई थी। जिसकी पहली बैठक जनवरी में हुई। उस दौरान सब कमेटियों ने सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों की संख्या और नियुक्ति की जानकारी मांगी थी। जिसके बाद आज एक बार फिर केबिनेट सब कमेटी का कुनबा सचिवालय में जुटा। जिसमें शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और कमेटी की अगुवाई कर रहे ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला शामिल रहे। हालांकि कमेटी में जुड़े मंत्री ममता भूपेश और मंत्री अशोक चांदना इस बैठक में नहीं पहुंचे। बैठक में महज 18 विभागों के संविदा कर्मचारियों की जानकारी मिलने के चलते कमेटी आज भी कोई फैसला नहीं ले पाई। बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि न्यायालय में लंबित मामलों की वस्तु स्थिति और सरकार के स्तर पर हुई कार्रवाई का ब्यौरा इकट्ठा किया जा रहा है। सभी विभागों के संविदा कर्मियों की सूची आने के बाद कानूनी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा। वहीं सब कमेटी की बैठक हर महीने किए जाने का फैसला भी लिया गया।
बाईट - बीडी कल्ला, ऊर्जा मंत्री

इससे पहले संविदा कर्मचारियों ने सब कमेटी से जुड़े मंत्रियों के सामने अपनी मांग रखी। जहां एक और संविदा पर लगे 2000 आयुष चिकित्सकों ने नियमितीकरण की मांग रखी। वहीं सचिवालय में लगे कंप्यूटर ऑपरेटर्स ने कहा कि सरकार उन्हें संविदा कर्मी मानने से ही इंकार कर रही है। जबकि चुनाव में ड्यूटी के दौरान उन्हें ठेका कर्मी नहीं बल्कि संविदा कर्मी के तौर पर लगाया जाता है।
बाईट - डॉ राजेश, आयुष चिकित्सक
बाईट - गौरव भाटिया, कंप्यूटर ऑपरेटर


Conclusion:बहरहाल, कोर्ट के आदेशों के अनुसार किसी भी संविदा कर्मचारी को नियमित नहीं किया जा सकता। ऐसे में सरकार के सामने बड़ी चुनौती इस फैसले को चैलेंज करने की होगी। वहीं इससे पहले चुनौती सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों के नाम इकट्ठा करनी की बनी हुई है।
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