जयपुर. 24 घंटे से भी अधिक समय की नौकरी और अनेक तरह के तनाव झेलने वाले पुलिसकर्मियों को राहत देने का प्रयास करते हुए जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अधिकारियों ने जयपुर पुलिस लाइन में संपर्क सभा का आयोजन करना शुरू किया है.
जयपुर पुलिस लाइन में आयोजित की जा रही संपर्क सभा में प्रतिदिन 200 से 250 पुलिसकर्मियों को बुलाया जाता है और जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अधिकारी उन पुलिसकर्मियों से सीधा संवाद करते हैं और विभिन्न विषयों पर खुलकर चर्चा करते हैं. इस दौरान पुलिसकर्मी आला अधिकारियों के समक्ष अपनी पीड़ा जाहिर करते हैं और आला अधिकारी पुलिसकर्मियों की पीड़ा को दूर करने का प्रयास करते हैं.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश ने बताया कि जयपुर पुलिस लाइन में पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के निर्देशन पर प्रतिदिन संपर्क सभा का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें बेल्ट नंबर के अनुसार 200 से 250 पुलिसकर्मी उपस्थित होते हैं और उन्हें जिस भी विषय को लेकर समस्या है उस पर आला अधिकारियों से सीधा संवाद करते हैं.
इस दौरान पुलिसकर्मियों की अनेक तरह की समस्या निकल कर सामने आ रही हैं, जिसमें घरेलू समस्या, मानसिक समस्या, स्वास्थ्य संबंधी समस्या और अन्य समस्याएं शामिल हैं. इन तमाम समस्याओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस के आला अधिकारियों की ओर से पुलिस कर्मियों की समस्याओं का निदान भी किया जा रहा है और इसके साथ ही चिकित्सक परामर्श भी दिया जा रहा है.
छुट्टी संबंधित समस्याओं का तुरंत निदान...
ऐसे पुलिसकर्मी जिन्हें लंबे समय से छुट्टी नहीं मिली है और छुट्टी नहीं मिल पाने के चलते वो अवसाद में है. उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें तुरंत छुट्टी देने के निर्देश जारी किए गए हैं. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पुलिसकर्मियों को लंबे समय से छुट्टी नहीं मिल पा रही थी और 24 घंटे से भी अधिक समय तक हार्ड ड्यूटी पुलिसकर्मियों को करनी पड़ रही थी. जिसके कारण कई पुलिसकर्मी अवसाद में चल रहे थे और जब संपर्क सभा के दौरान उन्होंने छुट्टी नहीं मिलने पर परेशान होने की बात आला अधिकारियों के सामने रखी तो उन्हें तुरंत छुट्टी देने के निर्देश दिए गए.
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पुलिसकर्मियों के तनाव को कम करने के लिए की जा रही काउंसलिंग...
संपर्क सभा के दौरान कई ऐसे पुलिसकर्मी भी सामने आए जो अनेक छोटी-छोटी चीजों को लेकर मानसिक तनाव में थे. कुछ घरेलू कारणों से तो कुछ अन्य कारणों से काफी परेशान थे. ऐसे में उनकी समस्याओं का निदान करते हुए उनके परिजनों को बुलाकर काउंसलिंग की गई. इसके साथ ही यदि स्वास्थ्य संबंधित कोई कारण रहा तो उसका भी निदान करते हुए पुलिसकर्मियों को चिकित्सक परामर्श दिया गया और स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया. काउंसलिंग के बाद पुलिसकर्मी तनाव मुक्त नजर आ रहे हैं और पहले की तुलना में काफी सही ढंग से अपनी ड्यूटी भी निभा रहे हैं.