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सौम्या गुर्जर ने हिंगोनिया गौशाला का किया निरीक्षण, सोलर लाइट लगाने में अनियमितता हुई उजागर

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Published : Apr 10, 2021, 7:44 PM IST

ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर ने हिंगोनिया गौशाला का निरीक्षण किया. लेकिन निरीक्षण की सूचना लीक होने के चलते गौशाला संचालकों ने अव्यवस्थाओं को ठीक कर लिया. लेकिन फिर भी सोलर लाइट की गुणवत्ता और पोल लगाने के स्ट्रक्चर में अनियमितता उजागर हो ही गई.

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सौम्या गुर्जर ने हिंगोनिया गौशाला का किया निरीक्षण

जयपुर. गायों की मौत को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाली हिंगोनिया गौशाला का शनिवार को महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर निरीक्षण करने पहुंची. हालांकि ये एक औचक निरीक्षण था. लेकिन निरीक्षण की सूचना लीक होने के चलते शिकायतों के अनुरूप अव्यवस्थाएं देखने को नहीं मिली. लेकिन निरीक्षण में प्रकाश व्यवस्था के लिए लगाई जा रही सोलर लाइट की गुणवत्ता और पोल लगाने के स्ट्रक्चर में अनियमितता उजागर हो ही गई.

पढे़ं: Special: कोरोना डेडिकेटेड आरयूएचएस अस्पताल फिर अलर्ट मोड पर, वापस बुलाए गए हेल्थ वर्कर्स

हिंगोनिया गौशाला को लेकर लंबे समय से शिकायत मिल रही थी. जब इन शिकायतों के संबंध में महापौर ने जवाब मांगा तो उपायुक्त गौशाला की ओर से भी फाइल पर टिप्पणी की गई कि जिस हिसाब से यहां काम होने चाहिए, वो मापदंड पूरे नहीं हो रहे हैं. इसे लेकर महापौर सौम्या गुर्जर ने शनिवार को औचक निरीक्षण किया. यहां चारे की क्वालिटी, बीमार गौवंश का आईसीयू में इलाज और मृत पशुओं के निस्तारण से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई थी.

सौम्या गुर्जर ने हिंगोनिया गौशाला का किया निरीक्षण

हालांकि यहां आने की सूचना लीक होने की वजह से अव्यवस्थाओं को ठीक कर लिया गया. बावजूद इसके कुछ कमियां जरूर मिली. जिन्हें दूर करने के निर्देश दिये गये हैं. वहीं निरीक्षण में सामने आया कि सोलर लाइट लगाने का काम किया जा रहा है. लेकिन लाइट के जो पोल फर्म द्वारा लगाए जा चुके हैं, वो तकनीकी मापदंडों के अनुकूल नहीं हैं. महापौर ने बताया कि एक लाइट की कीमत तकरीबन 36 हजार रुपये है. लेकिन जब इसकी कॉस्ट निकाली गई तो वो 15 हजार से ज्यादा की नहीं है. और जिस स्ट्रक्चर पर ये लाइट लगाई जानी थी. ना तो उन मापदंडों की पालना की जा रही है और पोल 3 फुट की बजाय महज डेढ़ फुट अंदर गाढ़ा गया है. जो कभी भी गिर सकता है.

उन्होंने बताया कि ये 2 करोड़ 60 लाख का टेंडर था. फिलहाल 270 लाइट और उसके बाद लाइट्स और बढ़ाई जानी थी. अब इस संबंध में रिपोर्ट मंगवाई जाएगी. कार्य की गुणवत्ता और दरों की थर्ड पार्टी की जांच की कराई जाएगी. अनियमितता मिलने की स्थिति में जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

इससे पहले भी महापौर ने हिंगोनिया गौशाला का दौरा किया था. उस वक्त आईसीयू में मृत मिले गौवंश को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई थी. हालांकि शनिवार को दौरे में आईसीयू में तो मृत पशु नहीं मिले. लेकिन पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में मृत गौवंश मिला. इस पर हिंगोनिया गौशाला का काम देख रही ट्रस्ट से मृत गौवंश की वार्षिक रिपोर्ट भी मांगी गई है. बीते दिनों हुई एक्जूक्टिव कमेटी बैठक में चेयरमैन जितेंद्र श्रीमाली द्वारा आयुक्त ओर से हिंगोलिया गौशाला में लगाई गयी सोलर लाइटों को लेकर भी सवाल उठाये गये थे. शनिवार को मेयर के निरीक्षण ने इससे जुड़ी अनियमितताएं सामने आयी.

जयपुर. गायों की मौत को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाली हिंगोनिया गौशाला का शनिवार को महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर निरीक्षण करने पहुंची. हालांकि ये एक औचक निरीक्षण था. लेकिन निरीक्षण की सूचना लीक होने के चलते शिकायतों के अनुरूप अव्यवस्थाएं देखने को नहीं मिली. लेकिन निरीक्षण में प्रकाश व्यवस्था के लिए लगाई जा रही सोलर लाइट की गुणवत्ता और पोल लगाने के स्ट्रक्चर में अनियमितता उजागर हो ही गई.

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हिंगोनिया गौशाला को लेकर लंबे समय से शिकायत मिल रही थी. जब इन शिकायतों के संबंध में महापौर ने जवाब मांगा तो उपायुक्त गौशाला की ओर से भी फाइल पर टिप्पणी की गई कि जिस हिसाब से यहां काम होने चाहिए, वो मापदंड पूरे नहीं हो रहे हैं. इसे लेकर महापौर सौम्या गुर्जर ने शनिवार को औचक निरीक्षण किया. यहां चारे की क्वालिटी, बीमार गौवंश का आईसीयू में इलाज और मृत पशुओं के निस्तारण से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई थी.

सौम्या गुर्जर ने हिंगोनिया गौशाला का किया निरीक्षण

हालांकि यहां आने की सूचना लीक होने की वजह से अव्यवस्थाओं को ठीक कर लिया गया. बावजूद इसके कुछ कमियां जरूर मिली. जिन्हें दूर करने के निर्देश दिये गये हैं. वहीं निरीक्षण में सामने आया कि सोलर लाइट लगाने का काम किया जा रहा है. लेकिन लाइट के जो पोल फर्म द्वारा लगाए जा चुके हैं, वो तकनीकी मापदंडों के अनुकूल नहीं हैं. महापौर ने बताया कि एक लाइट की कीमत तकरीबन 36 हजार रुपये है. लेकिन जब इसकी कॉस्ट निकाली गई तो वो 15 हजार से ज्यादा की नहीं है. और जिस स्ट्रक्चर पर ये लाइट लगाई जानी थी. ना तो उन मापदंडों की पालना की जा रही है और पोल 3 फुट की बजाय महज डेढ़ फुट अंदर गाढ़ा गया है. जो कभी भी गिर सकता है.

उन्होंने बताया कि ये 2 करोड़ 60 लाख का टेंडर था. फिलहाल 270 लाइट और उसके बाद लाइट्स और बढ़ाई जानी थी. अब इस संबंध में रिपोर्ट मंगवाई जाएगी. कार्य की गुणवत्ता और दरों की थर्ड पार्टी की जांच की कराई जाएगी. अनियमितता मिलने की स्थिति में जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

इससे पहले भी महापौर ने हिंगोनिया गौशाला का दौरा किया था. उस वक्त आईसीयू में मृत मिले गौवंश को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई थी. हालांकि शनिवार को दौरे में आईसीयू में तो मृत पशु नहीं मिले. लेकिन पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में मृत गौवंश मिला. इस पर हिंगोनिया गौशाला का काम देख रही ट्रस्ट से मृत गौवंश की वार्षिक रिपोर्ट भी मांगी गई है. बीते दिनों हुई एक्जूक्टिव कमेटी बैठक में चेयरमैन जितेंद्र श्रीमाली द्वारा आयुक्त ओर से हिंगोलिया गौशाला में लगाई गयी सोलर लाइटों को लेकर भी सवाल उठाये गये थे. शनिवार को मेयर के निरीक्षण ने इससे जुड़ी अनियमितताएं सामने आयी.

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