जयपुर. राजधानी जयपुर में नगर निगम अधिकारियों को सीनियर अधिकारियों का बॉस बनाने वाले आयुक्त विजय पाल सिंह अब भेदभाव करने को लेकर घिर गए हैं. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के पास शिकायत पहुंचने के बाद आयुक्त ने विद्युत शाखा के जेईएन हिमांशु शर्मा से एक्सईएन का चार्ज वापस ले लिया है. लेकिन कर निर्धारक मोनिका सोनी पर कोई कार्रवाई नहीं की है. जिन्हें बीते दिनों तीन जगह राजस्व अधिकारी और उपायुक्त का कार्यभार सौंपा गया था. आयुक्त की इस भेदभाव वाली नीति से खफा होकर अब मेयर विष्णु लाटा ने उन्हें नोटशीट थमाई है.
जयपुर नगर निगम में पोस्टिंग के नाम पर नियम कायदों को ताक में रखकर रेवड़ियां बांटी जा रही हैं. इस संबंध में मामला यूडीएच मंत्री तक पहुंचा तो आयुक्त ने जेईएन हिमांशु शर्मा को एक्सईएन बनाने के आदेश वापस ले लिए. लेकिन कर निर्धारक मोनिका सोनी को उन्हीं पदों पर बहाल कर रखा है. जिसको लेकर अब मेयर विष्णु लाटा ने आपत्ति जताई है. और आयुक्त वी पी सिंह को नोटशीट थमाई है. जिसमें लिखा है कि मोनिका सोनी से आयोजना और मुख्यालय के राजस्व अधिकारी के साथ ही उपायुक्त का कार्यभार वापस लेकर उन्हें कर निर्धारक का काम सौंपा जाए.
मेयर लाटा ने सवाल किया है कि जब निगम में स्वीकृत पदों से ज्यादा राजस्व अधिकारी मौजूद हैं. तो फिर ऐसी क्या मजबूरी है कि एक कर निर्धारक को 3 राजस्व अधिकारी और उपायुक्त का कार्य सौंपा हुआ है. जबकि हर एक जोन में एक से ज्यादा राजस्व अधिकारी लगाए हुए हैं. उन्होंने नोटशीट में निगम की आर्थिक स्थिति खराब होने का जिक्र करते हुए सोनी को उच्च पदों पर बैठाने के कारण राजस्व वसूली भी प्रभावित होने की बात कही. इसके अलावा मेयर ने आयुक्त को भविष्य में अधिकारियों को कार्य आवंटन से पहले मेयर का अनुमोदन लेने और दोबारा इस तरह कार्य वितरण देकर व्यवस्था ना बिगाड़ने की भी नसीहत दी है.
मेयर ने इस नोटशीट की प्रति स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक पवन अरोड़ा को भी भेजी है. माना जा रहा है यदि निगमायुक्त मोनिका सोनी को नहीं हटाते हैं तो सोमवार को राज्य सरकार इस पर कार्रवाई करेगी. आपको बता दें कि ईटीवी भारत ने सबसे पहले 3 मार्च को निगम में चुने अधिकारियों को सीनियर अधिकारियों का बॉस बनाने का मामला उठाया था. जिस पर अब मेयर और स्वायत्त शासन विभाग में भी संज्ञान लिया है.