जयपुर. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति 13 फरवरी 2019 को तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर हुई थी. नियुक्ति से पूर्व 29 जनवरी को उसने संतान को जन्म दिया था. नियुक्ति के बाद याचिकाकर्ता ने मातृत्व अवकाश (Rajasthan High Court on Maternity Leave) के लिए आवेदन किया, लेकिन विभाग ने आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि नियुक्ति से पूर्व हुई संतान के मामले में मातृत्व अवकाश देय नहीं है.
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याचिका में कहा गया कि राजस्थान सेवा नियमों में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है कि नियुक्ति से पूर्व संतान होने पर मातृत्व लाभ नहीं मिल सकता. इसके अलावा हाईकोर्ट अन्य मामलों में भी ऐसे कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश का अधिकारी मान चुका है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को मातृत्व अवकाश के परिलाभ अदा करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.