जयपुर. नवरात्र के पांचवें दिन (Day 5 of navratri 2022) मां भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की आराधना होती है. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देवी के स्कंदमाता (Mata Skandmata worshiped) स्वरूप को बुध ग्रह से जोड़ा जाता है और बुध ग्रह बुद्धि, संवाद कौशल और व्यापार का कारक माने जाते हैं. ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि देवी भगवती के स्कंदमाता स्वरूप (chaitra Navratri 2022) को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बुध ग्रह से जोड़ा जाता है और बुध को बुद्धि, व्यापार और वाक चातुर्य का कारक माना जाता है. जिस जातक की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर या नैसर्गिक अशुभ ग्रहों से पीड़ित हो उनमें प्रभावी संवाद कला का अभाव होता है. व्यापार में विघ्न रहता है और बुद्धि विचलित रहती है. ऐसे जातकों को नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की खास तौर पर उपासना करनी चाहिए.
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ऐसे करें देवी स्कंदमाता की उपासना: सूर्योदय से पूर्व उठने के बाद नित्यकर्मों से निवृत्त होकर मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने देवी स्कंदमाता का ध्यान करें (Dhyan Of Mata Skandmata) और शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें. चंदन, कुमकुम के साथ देवी को पुष्प अर्पित करें. देवी स्कंदमाता को केले का भोग (Bhog Of Devi Skandmata) अर्पित कर देवी स्कंदमाता के बीज मंत्र का ज्यादा से ज्यादा जाप करना चाहिए.
यह है मंत्र: (Skandmata Maa Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु स्कंदमाता रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः
इस महा उपाय से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं: (Great Remedy On Skandmata Day) अपने घर के पास स्थित किसी शक्तिपीठ या देवी मंदिर में घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें. इसके बाद देवी भगवती के 32 नामों की नामावली का कम से कम 32 पाठ करें. इससे देवी भगवती के आशीर्वाद से जल्द ही मनोवांछित फल मिलेगा.