जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से आज हर तबका काफी परेशान नजर आ रहा है. हर वर्ग इसकी चपेट में आता जा रहा है. कोरोना काल में कुछ विभाग ऐसे हैं, जो पूर्ण रूप से जनता तक अपनी सेवा पहुंचा रहे है. कुछ विभाग के कर्मचारियों को कोरोना महामारी के दौरान मृत्यु हो जाने पर विभिन्न घोषणाओं का ऐलान प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से किया गया है. लेकिन अगर बात की जाए मदरसों में पढ़ाने वाले पैराटीचर्स की तो ये पैराटीचर्स पूरी इमानदारी और तत्परता के साथ अपनी ड्यूटी कोरोना काल में दे रहे हैं.
कोरोना काल में काम करने वाले पैरा टीचर्स के लिए सरकार की ओर से कोई पैकेज का एलान नहीं किया गया है. ऐसे में कुछ पैराटीचर्स कोरोना में अपनी इमानदारी के साथ में ड्यूटी निभाते हुए इस दुनिया को अलविदा भी कह चुके हैं. ऐसे में अब राजस्थान के मुस्लिम संस्थाओं और अन्य संगठनों की ओर से राजस्थान सरकार से बड़ी मांग की जा रही है कि जो पैरा टीचर्स कोरोना के दौरान अपनी ड्यूटी निभाते हुए जान गंवा चुके हैं. उन लोगों के परिवार का ख्याल रखते हुए कोई ना कोई घोषणा उन लोगों के लिए की जानी चाहिए ताकि अन्य पैरा टीचर पूरी इमानदारी और तत्परता के साथ अपनी ड्यूटी को अंजाम दे सके.
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राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी का कहना है कि कुछ विभागों के कर्मचारियों के लिए राजस्थान सरकार की तरफ से कोरोना हो जाने पर जिस तरह से घोषणा की गई थी. वहीं, घोषणा मदरसा पैराटीचर के लिए भी की जाए तो काफी बेहतर होगा. राजस्थान सरकार से मांग करते हैं कि मदरसा पैरा टीचर्स का कोरोना के दौरान ड्यूटी देते हुए इंतकाल हो जाता है तो उनके परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाए और आर्थिक सहायता का एलान किया जाए.