जयपुर. मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुपालन में किसानों को किराए पर खेती के लिए यंत्र उपलब्ध करवाने की घोषणा की गई है. इसके लिए क्रय-विक्रय सहकारी समितियों व ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से 100 कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना की जाएगी. कृषि विभाग ने सहकारिता विभाग को 8 करोड़ हस्तांतरित किए हैं.
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने एक बयान जारी कर बताया कि राष्ट्रीय कृषि विस्तार व प्रौद्योगिकी मिशन के सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन के अंतर्गत अभिलक्षित गांव में केवीएसएस और जीएसएस के माध्यम से कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना की जाएगी. इन केंद्रों पर ट्रैक्टर में आवश्यक कृषि यंत्रों की क्रय लागत का 80% या अधिकतम 8 लाख का अनुदान दिया जाएगा. योजना का क्रियान्वयन सहकारिता विभाग के माध्यम से किया जाएगा.
सहकारिता विभाग ने 30 जिलों से प्राप्त प्रस्तावों में से 100 केवीएसएस-जीएसएस का चयन कर लिया है. इस योजना के तहत किसानों को आधुनिक और महंगे कृषि यंत्र उचित किराए पर मिलेंगे. इस योजना से होने वाले फायदे के तहत इस से सीमित आय के कारण उन्नत और महंगे कृषि उपकरण खरीदने में असक्षम किसानों तक कृषि यंत्रों की पहुंच हो जाएगी. उन्हें अपनी आवश्यकता व समयबद्ध कृषि क्रियाओं को पूर्ण करने के लिए आधुनिक एवं महंगे कृषि यंत्र उचित किराए पर उपलब्ध हो सकेंगे.
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कृषि मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत राजसमंद में 12, प्रतापगढ़ में 7, जयपुर में 6, श्री गंगानगर, बांसवाड़ा एवं बीकानेर में 5-5, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़, चूरू और दोसा में 4-4, कोटा, उदयपुर ,भरतपुर ,झालावाड़ ,बूंदी ,चित्तौड़गढ़ और अलवर में तीन-तीन केंद्र खोले जाएंगे. इसी प्रकार सीकर, नागौर ,बाड़मेर अजमेर, डूंगरपुर, झुंझुनू, जोधपुर, पाली, जैसलमेर और टोंक में दो-दो तथा धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली में एक एक कस्टमर हायरिंग केंद्र खुलेंगे. उन्होंने बताया कि जयपुर जिले की बनेठी, कालवाड़ा, सरना चौक, चमनपुरा, कुजोता और मुरलीपुरा जीएसएस पर कस्टम हायरिंग केंद्र खोले जाएंगे.