जयपुर. हिन्दू धर्म में पौष महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि का काफी धार्मिक महत्व है. ऐसे में गुरुवार को पौष पूर्णिमा है और आज के दिन उपवास करके गंगा स्नान करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है. साथ ही जरूरतमंद लोगों को दान देने और सूर्य देव को अर्घ्य देने का भी खास महत्व है.
ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेमचंद सेवग ने बताया कि पौष माह शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पौष पूर्णिमा है, जो इस बार 28 जनवरी को है. ऐसे में गुरुवार दोपहर 1.15 बजे से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी, जो 29 जनवरी की रात 12 बजे बाद खत्म होगी.
पढ़ें- जयपुरः 20 जिलों के 90 निकाय में गुरुवार को होगा मतदान, गोविंद डोटासरा की टीम की साख दांव पर
हिन्दू पंचाग के अनुसार इस बार पौष पूर्णिमा पर गुरु पुष्य योग बन रहा है, जिसके कारण इस तिथि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. आज के दिन यह योग सूर्योदय से लेकर मध्यरात्रि तक रहेगा. इसके साथ ही सिद्धि योग और प्रीति योग भी आज बन रहे हैं.
पौष पूर्णिमा से ही कल्पवास शुरू हो जाता है जो माघ मास की पूर्णिमा को समाप्त होता है. मान्यता है कि कल्पवासी जीवन मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाने की कामना करते हैं. यह परंपरा आदि काल से निरंतर चली आ रही है. कल्पवास का महत्व हमारे पौराणिक ग्रंथों में अलग-अलग रूपों में मिलता है. मान्यता है कि आज के दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, जप और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिलता है.