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कोरोना के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को बनाएं आदत: मंत्री रघु शर्मा

वैश्विक महामारी का रूप ले चुका कोरोना वायरस की लड़ाई लंबी हो सकती है. ऐसे में आमजन को इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को ही आदत में शुमार करना होगा, ये बात चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कही. उन्होंने आमजन से लॉकडाउन-3 में मिली रियायतों में लापरवाही ना बरतने का भी आव्हान किया.

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कोरोना के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को ही बनाएं आदत
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Published : May 6, 2020, 8:33 PM IST

जयपुर. बुधवार को चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि कोरोना कब खत्म होगा. लेकिन यह जरूर है कि यदि आमजन इस दौरान सरकार द्वारा दी जा रही गाइडलाइन का अनुसरण मसलन मास्क लगाएं, बार-बार हाथ धोते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, कम से कम आए-जाए तो बीमारी को फैलने से रोका जरूर जा सकता है.

ज्यादा दिनों तक लॉकडाउन बढ़ना अर्थव्यवस्था की सेहत के लिए ठीक नहीं है. ऐसे में हर व्यक्ति को सहयोग करना होगा. उन्होंने कहा कि इस बीमारी में बचाव ही एकमात्र उपचार है.

लगभग 50 फीसदी मरीज हुए पॉजिटिव से नेगेटिव

डॉ. शर्मा ने बताया कि चिकित्सा विभाग और प्रदेश भर के लिए यह राहत की खबर है कि प्रदेश में लगभग 50 फीसदी लोग पॉजिटिव से नेगेटिव चिन्हित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि बुधवार 2 बजे तक प्रदेश में 3240 कोरोना पॉजीटिव की संख्या थी. इनमें से 1596 लोग पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए हैं और 1131 को अस्पतालों से भी डिस्चार्ज कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि यह चिकित्सकों की मेहनत और सरकार की बेहतरीन चिकित्सा व्यवस्था के चलते ही संभव हो पाया है.

यह भी पढे़ं- PM करते हैं सीएम की तारीफ, लेकिन पूनिया और कटारिया केवल विरोध: बीडी कल्ला

राजस्थान बना प्लाज्मा थेरेपी करने वाला चौथा राज्य

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि जयपुर का सवाई मानसिंह अस्पताल प्रदेश का पहला ऐसा अस्पताल बन गया है. जहां दो लोगों का ट्रायल बेस पर प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया गया है. केरल, मध्यप्रदेश और दिल्ली के बाद चौथा ऐसा राज्य बन गया है. जो प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कोरोना का इलाज कर पाने में समक्ष हैं. उन्होंने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी के जरिए उन्हीं मरीजों को इलाज किया जा सकता है. जो गंभीर रूप से संक्रमित हो, वेंटिलेटर पर हो या किडनी, हार्ट, डायबिटीज जैसी अन्य क्रॉनिकल बीमारियों से ग्रसित हो.

प्रतिदिन हो रही है 10500 से ज्यादा जांचें

डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 10 हजार 500 टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं. प्रतिदिन की जांच क्षमता में भी लगातार इजाफा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1 लाख 40 हजार से ज्यादा सैंपल अभी तक लिए जा चुके हैं. जितनी ज्यादा जांच होगी, कोरोना की असलियत का उतना ही जल्दी पता चलेगा और उतना ही जल्दी उनके उपचार, आइसोलशन, आईसीयू, क्वॉरेंटाइन करने जैसे फैसले तुरंत ले सकेंगे और संक्रमण के खतरे को कम कर सकेंगे.

जयपुर. बुधवार को चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि कोरोना कब खत्म होगा. लेकिन यह जरूर है कि यदि आमजन इस दौरान सरकार द्वारा दी जा रही गाइडलाइन का अनुसरण मसलन मास्क लगाएं, बार-बार हाथ धोते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, कम से कम आए-जाए तो बीमारी को फैलने से रोका जरूर जा सकता है.

ज्यादा दिनों तक लॉकडाउन बढ़ना अर्थव्यवस्था की सेहत के लिए ठीक नहीं है. ऐसे में हर व्यक्ति को सहयोग करना होगा. उन्होंने कहा कि इस बीमारी में बचाव ही एकमात्र उपचार है.

लगभग 50 फीसदी मरीज हुए पॉजिटिव से नेगेटिव

डॉ. शर्मा ने बताया कि चिकित्सा विभाग और प्रदेश भर के लिए यह राहत की खबर है कि प्रदेश में लगभग 50 फीसदी लोग पॉजिटिव से नेगेटिव चिन्हित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि बुधवार 2 बजे तक प्रदेश में 3240 कोरोना पॉजीटिव की संख्या थी. इनमें से 1596 लोग पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए हैं और 1131 को अस्पतालों से भी डिस्चार्ज कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि यह चिकित्सकों की मेहनत और सरकार की बेहतरीन चिकित्सा व्यवस्था के चलते ही संभव हो पाया है.

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राजस्थान बना प्लाज्मा थेरेपी करने वाला चौथा राज्य

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि जयपुर का सवाई मानसिंह अस्पताल प्रदेश का पहला ऐसा अस्पताल बन गया है. जहां दो लोगों का ट्रायल बेस पर प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया गया है. केरल, मध्यप्रदेश और दिल्ली के बाद चौथा ऐसा राज्य बन गया है. जो प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कोरोना का इलाज कर पाने में समक्ष हैं. उन्होंने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी के जरिए उन्हीं मरीजों को इलाज किया जा सकता है. जो गंभीर रूप से संक्रमित हो, वेंटिलेटर पर हो या किडनी, हार्ट, डायबिटीज जैसी अन्य क्रॉनिकल बीमारियों से ग्रसित हो.

प्रतिदिन हो रही है 10500 से ज्यादा जांचें

डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 10 हजार 500 टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं. प्रतिदिन की जांच क्षमता में भी लगातार इजाफा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1 लाख 40 हजार से ज्यादा सैंपल अभी तक लिए जा चुके हैं. जितनी ज्यादा जांच होगी, कोरोना की असलियत का उतना ही जल्दी पता चलेगा और उतना ही जल्दी उनके उपचार, आइसोलशन, आईसीयू, क्वॉरेंटाइन करने जैसे फैसले तुरंत ले सकेंगे और संक्रमण के खतरे को कम कर सकेंगे.

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