जयपुर. निकाय चुनाव टालने की राज्य सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. जिसके बाद अब निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. अब किसी भी समय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह कहा है कि सरकार चाहे तो इस मामले में हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती है.
वहीं, सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद कांग्रेस नेताओं के बयान आने लगे हैं. विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी का कहना है कि हमें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में राहत मिलेगी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद सरकार अगला कदम उठाएगी.
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच निकाय चुनाव में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना बड़ी चुनौती होगी. जिन 3 बड़े शहरों में निगम चुनाव हो रहे हैं, वहीं पर कोरोना का सबसे ज्यादा प्रकोप है. हम कोशिश करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आने के बाद क्या कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं, उसे लेकर विधिक राय लें.
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महेश जोशी ने कहा कि सरकार और कांग्रेस पार्टी निकाय चुनाव करवाने के लिए पूरी तरीके से तैयार है. पार्षद का चुनाव उम्मीदवार लड़ता है, इसलिए इसकी टीम की ज्यादा अहम जिम्मेदारी होती है. जोशी ने कहा 'संगठन के पदाधिकारी नहीं होने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. हम नगर निगम चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर देंगे.'
गौरतलब है कि निकाय चुनाव कराए जाने को लेकर हाईकोर्ट के फैसले को गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सरकार की मंशा है कि निकाय चुनाव कुछ दिनों के लिए टाल दिए जाएं.