जयपुर. राजस्थान में इन दिनों कई नेताओं के बीच राजनीतिक वार-पलटवार चल रहा है उनमे अब सबसे आगे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी हैं, जो फोन टेपिंग विवाद के बाद आमने-सामने हैं दिल्ली क्राइम ब्रांच से मिले नोटिस के बाद जोशी ने गजेंद्र सिंह शेखावत को नैतिक रूप से भगोड़ा तक कह दिया था.
जवाब देते हुए जोशी समर्थकों ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री शेखावत के विरोध में राजधानी में प्रदर्शन किया. अब बारी आने पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के समर्थक भी सामने आए हैं, जिन्होंने जयपुर के सिविल लाइन फाटक पर महेश जोशी (Mahesh Joshi Chief Whip of Rajasthan Legislative Assembly) का पुतला जलाया. इस महेश जोशी ने कोरोना काल का हवाला दिया है. सवाल है कि उनके समर्थकों ने शनिवार को जो विरोध-प्रदर्शन किया उसमें क्या कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) की धज्जियां नहीं उड़ी थीं ?
महेश जोशी ने कहा कि कल तक जो भाजपाई गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ हुए प्रदर्शन को लेकर यह कहते हुए नजर आ रहे थे कि यह हंगामा क्यों हो रहा है, वही आज मेरा पुतला जला रहे हैं. इसका मतलब साफ है जो आरोप मैंने शेखावत पर लगाए हैं उनको भाजपा ने अब मान्यता दे दी है. पुतला जलाए जाने पर कहा कि वैसे तो यह लोकतंत्र में सबका अधिकार है विरोध जताने का, लेकिन एक और देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई चल रही है दूसरी ओर पुतले जलाकर भाजपाई पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं.
मुझे दी गई गलत नोटिस : महेश जोशी
महेश जोशी ने कहा कि आज तक उन पर पूरे राजनीतिक जीवन में कभी एफआईआर नहीं हुई, लेकिन जिस प्रकार मुझे गलत नोटिस देकर धमकी पूर्ण तरीके से दिल्ली बुलाने की कार्रवाई की गई. ऐसा फिर होगा तो हम इसका फिर से विरोध करेंगे.
महेश जोशी ने एक बार फिर गजेंद्र सिंह शेखावत पर हमला करते हुए कहा कि राजस्थान में उनकी अपरिपक्वता, नादानी और बयानबाजी के बाद भाजपा के नेता भी उनके साथ नहीं है. गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की जयंती के अवसर पर महेश जोशी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राहुल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे.