जयपुर. राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स, शिक्षा कर्मियों ने एक बार फिर गहलोता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संयुक्त संघर्ष समिति ने 15 अक्टूबर से जयपुर में अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान किया है. समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार नियमितीकरण नहीं कर रही है. मुख्यमंत्री से वार्ता नहीं होने पर मदरसा पैराटीचर्स और मुस्लिम समाज में आक्रोश है.
दांडी यात्रा संयोजक शमशेर भालू खान ने कहा कि करीब 13500 मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी लगातार नियमितीकरण को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. सरकार ने बजट घोषणा में मानदेय 15 फीसदी बढ़ाया है. मानदेय बहुत कम है. दरअसल, 1 अक्टूबर 2020 को राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों को नियमित करने को लेकर शमशेर भालू खान ने चूरू से दांडी यात्रा शुरू की थी. इसके बाद राज्य सरकार ने उदयपुर में दांडी यात्रा रुकवा कर खानू खान बुधवाली की मध्यस्थता में एक समझौता किया और 9 बिंदुओं पर सहमति बनी थी.
राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप...
राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स, शिक्षा कर्मियों को नियमित कर 30 सितंबर 2021 तक सभी को नियुक्ति पत्र देने का वादा किया गया, लेकिन राज्य सरकार ने वादा पूरा नहीं किया. समिति ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों ने एक बार फिर शमशेर भालू खान के नेतृत्व में 2 अक्टूबर से उदयपुर के पटेल सर्किल से दांडी यात्रा शुरू कर दी थी, लेकिन डूंगरपुर जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला ने मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन दिलाकर दांडी यात्रा को रतनपुर बॉर्डर पर रुकवा दिया. इसके बाद भी संघर्ष समिति को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया.
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इस पूरे मामले में सरकार के रवैये से संयुक्त संघर्ष समिति व समाज के लोगों में रोष व्याप्त है. शमशेर भालू खान और संघर्ष समिति ने राजधानी जयपुर में 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर गांधीवादी तरीके से अनिश्चितकालीन धरना देने का ऐलान किया है.