जयपुर. राजस्थान में जिस तेज गति से लम्पी वायरस (Lumpy Virus) का फैलाव हुआ है. उसका असर है कि तमाम प्रयासों के बावजूद भी रोजाना प्रदेश में हजार से ज्यादा गाय इस रोग के चलते मर रही हैं. लम्पी रोग से संक्रमित हो कर मरने वाली गायों की संख्या बढ़कर अब 59,027 हो गई है. वहीं, प्रदेश में अब भी 13 लाख 2 हजार 907 गायें लम्पी रोग से संक्रमित हैं. यह संख्या बताती है कि आने वाले दिनों में भी भी गोवंश के मरने का सिलसिला जारी रहेगा.
वहीं, सरकार के पास लम्पी रोग से संक्रमित गायों को बचाने का कोई खास फार्मूला नहीं है. लेकिन अब तक जो गोवंश संक्रमित नहीं हुआ है, उनको बचाने का एकमात्र तरीका वैक्सीनेशन करना है, साथ ही प्रदेश में वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाया है. वहीं आज से विधानसभा सत्र शुरू हो गया और तय है कि विपक्ष अगले कुछ दिनों में गायों की हो रही मौत के मामले में सरकार को घेरेगा. ऐसे में सरकार की ओर से वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाई जा रही है और कॉन्फेड के जरिये जिलों को आवश्यक औषधियों की आपूर्ति जल्द से जल्द करने के साथ तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है.
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13 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण: प्रदेश में अब तक 13 लाख 63 हजार पशुओं में टीकाकरण किया जा चुका (Vaccination of more than 13 lakh animals) है. प्रतापगढ़ और झालावाड़ जिलों में 1 लाख से अधिक पशुओं में टीकाकरण कर दिया है. लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन और पशुपालन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गौवंशीय पशुओं में टीकाकरण किया जा रहा है. अब तक अजमेर जिले में 55883, कुचामन सिटी में 37697 भरतपुर में 61222, चित्तौड़गढ़ में 86292, अलवर में 80590, जयपुर में 34763, झूंझूनु में 3796, बांसवाड़ा में 88000, राजसमन्द में 9328, कोटा में 75233, बूंदी में 75315, बांरा में 98188, झालावाड़ में 102993, प्रतापगढ़ में 100399, उदयपुर में 70576 सहित 29 जिलों में 13.63 लाख पशुओं में टीकाकरण किया गया है. प्रदेश में लम्पी से प्रभावित 13.03 लाख पशुओं में से अब तक 12.49 लाख पशुओं का उपचार किया जा चुका है. जिसमें 7.73 लाख पशु स्वस्थ हो चुके हैं.