जयपुर. प्रदेश के पशुओं में बढ़ते लंपी स्किन रोग के प्रभाव को देखते हुए गहलोत सरकार एक्शन में है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने (Lumpy Disease in Cows) जिला प्रभारी मंत्रियों को जिलों में दौरा करने के निर्देश दिए हैं. गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए संकल्पित है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई जिलों के पशुओं में लंपी स्किन रोग का संक्रमण तेजी से फैला है. लेकिन जल्द इस पर नियंत्रण पा लिया जाएगा. सीएम गहलोत दिल्ली के बीकानेर हाउस से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लंपी स्किन रोग की रोकथाम को लेकर समीक्षा बैठक ले रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से दवाइयों, चिकित्सकों, एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी. राज्य सरकार हर समय पशुपालकों के साथ खड़ी है. सभी के सहयोग से हम इस संक्रमण से भी निजात पा सकेंगे. बैठक में गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में राजस्थान के कोरोना प्रबंधन की जिस तरह पूरे देश में चर्चा रही, उसी तरह लंपी स्किन रोग पर भी सभी के सहयोग से प्रभावी नियंत्रण कर लिया जाएगा.
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जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिकाः मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बीमारी की रोकथाम के लिए विधायक, महापौर, जिला प्रमुख, प्रधान, सरंपचों सहित सभी जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. वे अपने क्षेत्रों में दौरा करके पशुपालकों को जागरुक करें. गहलोत ने (cm gehlot instructed ministers) जिला प्रभारी मंत्रियों को अपने-अपने जिलों में जाकर स्थिति जानने और आमजन को जागरुक करने के निर्देश दिए.
चिकित्सकों और स्टाफ का बढ़ाया हौसलाः मुख्यमंत्री ने संक्रमित पशुओं के उपचार में जुटे चिकित्सकों, वेटरनरी स्टाफ और विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों का हौसला बढ़ाया. उन्होंने कहा कि इनकी सजगता और सतर्कता से ही संक्रमण और मृत्यु दर में कमी आई है. गहलोत ने कहा कि जिस तरह कोरोना काल में विधायकों की ओर से एमएलए फंड से सहायता राशि दी गई, उसी तरह अब भी सहायता राशि जारी करें. उन्होंने कहा कि गौवंश हमारा सम्मान है. सरकार की ओर से गौशालाओं के लिए अनुदान की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया है. गोपालन विभाग बनाकर गौवंश संवर्धन के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं.
प्रदेश में बढ़ रहा है रिकवरी रेटः मुख्यमंत्री निवास से जुड़े कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि लंपी स्किन रोग की जानकारी मिलते ही इसकी रोकथाम के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई. चिकित्सकों और कर्मचारियों की मेहनत से सुधार आ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़ा है. बीकानेर विश्वविद्यालय की टीमों की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में दौरा किया जाएगा. रोग से बचाव में स्वयंसेवी संस्थाएं, भामाशाह और आमजन सहयोग कर रहे हैं. मंत्री कटारिया ने बताया कि 1 अगस्त को संक्रमण दर 21.20 प्रतिशत थी, जो कि 4 अगस्त को घटकर 5.61 प्रतिशत रह गई है.
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पशुपालकों को किया जा रहा है जागरूकः मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि लंपी स्किन रोग पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पशुपालन मंत्री की अध्यक्षता में लगातार बैठकें की जा रही हैं. प्रभावित जिलों के कलेक्टर्स के साथ समीक्षा बैठक करते हुए मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं. पशुपालकों को लंपी रोग से पशुओं को बचाने के लिए जरूरी सतर्कता बरतने को लेकर जागरूक किया जा रहा है. साथ ही प्रदेश में पशु हाट और पशु मेलों पर प्रतिबंध लगाया गया है. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर्स को इमरजेंसी दवाइयां खरीदने, अतिरिक्त स्टाफ लगाने, अतिरिक्त वाहनों के लिए आदेश जारी किए गए हैं.